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बारगढ़ः ओडिशा के बारगढ़ में मालगाड़ी पटरी से उतर गई है। बताया जा रहा है कि मालगाड़ी में चूना पत्थर लदा था और इसके 5 डिब्बे बारगढ़ में पटरी से उतर गए। ये हादसा एक प्राइवेट लाइन पर हुआ है, जिसका रख.रखाव रेलवे नहीं करता है। हादसे में किसी को कोई नुकसान होने की जानकारी नहीं है। पुलिस ने मौके पर पहुंच गई है। बता दें कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार रात ट्रेन दुर्घटना में 275 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। देश के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में 1100 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं।

रेलवे नहीं करता इसका रख-रखाव

बताया जा रहा है कि डूंगरी चूना पत्थर खदानों और एसीसी बारगढ़ के सीमेंट प्लांट के बीच एक निजी नैरो गेज रेल लाइन है। यहां लाइन, वैगन, लोको सभी निजी हैं। यह ट्रैक किसी भी तरह से भारतीय रेलवे प्रणाली से जुड़ा नहीं है। उस रेलवे लाइन पर आज तड़के पटरी से उतरने की घटना हुई है। बता दें कि रविवार रात को करीब 10.40 पर विशाखापत्तनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र तक कोयले से लदी एक मालगाड़ी पटरियों से गुजरी।

भुवनेश्वर/नई दिल्‍ली: कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक जवान शायद पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने शुरुआती बचाव प्रयासों में शामिल होने से पहले ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के बारे में आपातकालीन सेवाओं को सतर्क किया था। एनडीआरएफ के जवान वेंकटेश एनके छुट्टी पर थे और पश्चिम बंगाल के हावड़ा से तमिलनाडु की यात्रा कर रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि वह बाल-बाल बच गए क्योंकि जिस डिब्बे 'बी-7' में वह सवार थे, वह पटरी से उतर गया था। लेकिन आगे के डिब्बों से नहीं टकराया।

कोलकाता में एनडीआरएफ की दूसरी बटालियन के साथ तैनात 39 वर्षीय जवान ने सबसे पहले बटालियन में अपने वरिष्ठ निरीक्षक को फोन करके दुर्घटना की जानकारी दी। उसके बाद उन्होंने व्हाट्सएप पर घटनास्थल की "लाइव लोकेशन" एनडीआरएफ नियंत्रण कक्ष को भेजी और इसका इस्तेमाल पहले बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के लिए किया। आपको बता दें कि ओडिशा में शुक्रवार की शाम सात बजे शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस व बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और मालगाड़ी से टकराने से यह दर्दनाक हादसा हुआ।

बालासोर/नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद करीब 90 ट्रेन को रद्द किया गया है। जबकि 46 ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। इसके साथ ही 11 ट्रेन को उनके गंतव्य से पहले ही रोक दिया गया है। हादसे के कारण प्रभावित ज्यादातर ट्रेन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व रेलवे जोन की हैं। शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे में अभी तक 288 यात्रियों की मौत होने की सूचना है। भारतीय रेल के दो जोन द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण पूर्व रेलवे ने चेन्नई-हावड़ा मेल, दरभंगा-कन्याकुमारी एक्सप्रेस और तीन जून को चलने वाली कामख्या-एलटीटी एक्सप्रेस दी है। रेलवे ने चार जून को चलने वाली पटना-पुरी विशेष ट्रेन भी रद्द की है।

दक्षिण रेलवे ने तीन जून की रात 11 बजे मंगलोर से रवाना होने वाली मंगलोर-संतरागाछी विवेक सुपरफास्ट एक्सप्रेस, चार जून को चेन्नई से सुबह सात बजे रवाना होने वाली डॉक्टर एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-शालीमार कोरोमंडल एक्सप्रेस, चार जून को चेन्नई से सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर रवाना होने वाली डॉक्टर एमजीआर चेन्नई सेंट्रल-संतरागाछी एसी सुपरफास्ट ट्रेन को भी रद्द कर दिया है।

नई दिल्ली: ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार की शाम को यात्री ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियां पटरी से उतर गईं। इसी बीच उसके पास की पटरी से गुजरते हुए यशवंतपुर से हावड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन उतरी हुई बोगियों से बाजू से टकरा गई। इस हादसे में 50 से ज्यादा यात्रियों की मौत होने की आशंका है। हादसे में 300 लोग घायल हुए हैं। ट्रेन में कई यात्रियों के फंसे होने की आशंका है। घायल हुए लोगों को अस्पतालों में ले जाया गया है। राहत और बचाव दल दुर्घटना स्थल पर मौजूद हैं। घायल हुए कुछ यात्रियों को बालासोर मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। मेडिकल कॉलेज और बालासोर के आसपास के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।

रेल मंत्रालय ने बताया कि "करीब 8 से 10 बोगी पटरी से उतरी हैं। यह किसी ट्रेन से टक्कर नहीं है। मालगाड़ी से भी कोई टक्कर नहीं है। जब ट्रेन डिरेल हुई, तब बगल की पटरी से यशवंतपुर से हावड़ा ट्रेन गुजर रही थी। उधर पटरी से उतरकर ट्रेन की बोगी आ गई और फिर ये नुकसान पहुंचा है।"

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