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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवरफ्रंट के निर्माण में कथित धांधली की जांच के आदेश दिए हैं। योगी ने गत 27 मार्च को गोमती रीवर फ्रंट का दौरा किया था। उस दौरान उन्होंने अधिकारियों से पूछा था कि तीन मीटर गहरी और दस किलोमीटर लम्बी गोमती नदी की खुदाई की मिट्टी कहां गयी। उन्होंने अधिकारियों को फटकार भी लगायी थी। यह योजना अखिलेश यादव सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। यह करीब तीन हजार करोड़ रुपये की योजना है। रीवर फ्रंट योजना की वजह से गोमती नदी पर बना पुल दो बार टूटा। इसके निमार्ण के समय ही धांधली के आरोप लग रहे थे। आरोप था कि इसमें अधिक धन खर्च किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 45 दिन के अंदर जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ने योजना के बारे में पूरी जानकारी हासिल की। योजना की समीक्षा की। उसके बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने भी योजना से जुडे अधिकारियों के साथ बैठक की। समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए। आरोप है कि योजना में वास्तविक लागत से अधिक धन खर्च किया गया है। बता दें कि इससे पूर्व गत 27 मार्च को मुख्यमंत्री ने गोमती रिवर फ्रंट पर जाकर निमार्ण कार्यों का जायजा लिया था और परियोजना की लागत को कम करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि अरबों रुपये खर्च होने के बावजूद गोमती नदी के पानी से बदबू आ रही है।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में जारी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। चुनाव में मिली करारी हार के बाद यह झगड़ा और भी बढ़ता जा रहा है। अभी तक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कोई बयान नहीं दिया था। लेकिन आज (शनिवार) उनकी ओर से बड़ा बयान आया है। उन्होंने अखिलेश के खिलाफ बयान दिया है। एक पिता का दर्द फिर से झलकता हुआ दिख रहा है। उन्होंने कहा, जो अपने पिता का नहीं हो सका वो किसी और का कैसे हो सकता है। उन्होंने अखिलेश यादव के लिए कहा, 'मैंने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया। किसी पिता ने अपने रहते हुए बेटे के लिए पद का त्याग नहीं किया है। अखिलेश ने बदले में क्या किया? इतना अपमान मेरा कभी नहीं हुआ। मैनपुरी में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि कन्नौज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सही था कि जो बाप का नहीं हुआ वो जनता का कैसे होगा? उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि मेरे खिलाफ साजिश की गई है।अखिलेश-रामगोपाल ने ये साजिश की थी। इस दौरान वे मैनपुरी से चुनाव लड़ने का संदेश भी दे गए। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन इंतजार करेंगे। समर्थकों से बात कर करेंगे और उसके बाद कोई फैसला करेंगे। दरअसल, चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के अंदर दरार दिखाई दे रही थी। अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच काफी अनबन चल रही थी, लेकिन बावजूद इसके अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन किया।

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध पर लगाम लगती नहीं दिख रही है। ताज़ा मामला मुज़फ़्फ़रनगर के खतौली के तिगरी गांव का है जहां एक स्कूल के हॉस्टल में छात्राओं को बेलिबास कर घंटों क्लास में बिठाए रखने का मामला सामने आया है। इस स्कूल के हॉस्टल की वार्डन ने 70 लड़कियों को निर्वस्त्र होकर कक्षा में बैठने के लिए मजबूर किया। स्कूल के बाथरूम में खून के धब्बे दिखाई देने के बाद वार्डन ने छात्राओं को सजा देते हुए और यह पता करने के लिए कि किस छात्रा का मासिक धर्म चल रहा है, यह शर्मनाक कृत्य किया। इस हरकत से गुस्से में आए छात्राओं के अभिभावकों ने मामले की शिकायत राज्य सरकार से की है और वार्डन पर कार्रवाई करने की मांग की है। जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव के अनुसार कस्तूरबा गांधी रेसिडेंशियल स्कूल की छात्राओं के अभिभावकों की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि लड़कियों को वार्डन द्वारा सिर्फ अपमानित ही नहीं किया गया, बल्कि यह धमकी भी दी गई कि अगर उन्होंने उनके आदेश नहीं माने तो इससे भी बदतर सजा दी जाएगी। मामला सामने आने के बाद आरोपी महिला वार्डन को निलंबित कर दिया गया। घटना के बाद से छात्राओं और उनके परिजनों में रोष है। कई अभिभावक अपनी बच्चियों को हॉस्टल से घर ले गए और सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी आज (शुक्रवार) अपर्णा और प्रतीक यादव की लखनऊ स्थित गोशाला पहुंचे। इस गोशाला का नाम कान्हा उपवन है। यह 64 एकड़ में फैला हुआ है, इसमें करीब 2000 जानवर हैं। अपर्णा और प्रतीक पिछले 5 साल से गोशाला की देखभाल कर रहे हैं। आज योगी आदित्यनाथ गोशाला में आए और गायों को गुड़ और हरा चारा खिलाया। इससे पहले योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही अपर्णा और प्रतीक यादव उनसे मिलने गए थे। यही नहीं अपर्णा और प्रतीक योगी से उनके गोरखपुर के आश्रम में भी मिलने जा चुके हैं। दरअसल अपर्णा और योगी आदित्यनाथ दोनों उत्तराखंड से आते हैं। दोनों ही पौड़ी के हैं। इस मुलाकात को लेकर राजनीति अटकलें तेज हो गई हैं। क्योंकि माना जाता है प्रतीक और अपर्णा के अखिलेश से अच्छे संबंध नहीं हैं। अपर्णा और प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं। वैसे, अपर्णा इससे पहले पीएम मोदी के कार्यक्रमों में भी शामिल होती रही हैं। लखनऊ में डॉ.अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में जब पीएम मोदी आए तो अपर्णा हॉल में अगली कतार में बैठी थीं। पीएम मोदी जब दशहरे के प्रोग्राम में गए तब भी अपर्णा मौजूद थीं। इस बैकग्राउंड को देखते हुए राजनीति हल्कों में यह चर्चा है कि कहीं अपर्णा बीजेपी में तो नहीं जा रहीं। लेकिन अपर्णा ने कहा कि अखिलेश भइया जब सीएम बने थे तो मैं उनको भी यहां ले आई थी।

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