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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी आज (शुक्रवार) अपर्णा और प्रतीक यादव की लखनऊ स्थित गोशाला पहुंचे। इस गोशाला का नाम कान्हा उपवन है। यह 64 एकड़ में फैला हुआ है, इसमें करीब 2000 जानवर हैं। अपर्णा और प्रतीक पिछले 5 साल से गोशाला की देखभाल कर रहे हैं। आज योगी आदित्यनाथ गोशाला में आए और गायों को गुड़ और हरा चारा खिलाया। इससे पहले योगी आदित्यनाथ के सीएम बनते ही अपर्णा और प्रतीक यादव उनसे मिलने गए थे। यही नहीं अपर्णा और प्रतीक योगी से उनके गोरखपुर के आश्रम में भी मिलने जा चुके हैं। दरअसल अपर्णा और योगी आदित्यनाथ दोनों उत्तराखंड से आते हैं। दोनों ही पौड़ी के हैं। इस मुलाकात को लेकर राजनीति अटकलें तेज हो गई हैं। क्योंकि माना जाता है प्रतीक और अपर्णा के अखिलेश से अच्छे संबंध नहीं हैं। अपर्णा और प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्नी साधना के बेटे हैं। वैसे, अपर्णा इससे पहले पीएम मोदी के कार्यक्रमों में भी शामिल होती रही हैं। लखनऊ में डॉ.अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में जब पीएम मोदी आए तो अपर्णा हॉल में अगली कतार में बैठी थीं। पीएम मोदी जब दशहरे के प्रोग्राम में गए तब भी अपर्णा मौजूद थीं। इस बैकग्राउंड को देखते हुए राजनीति हल्कों में यह चर्चा है कि कहीं अपर्णा बीजेपी में तो नहीं जा रहीं। लेकिन अपर्णा ने कहा कि अखिलेश भइया जब सीएम बने थे तो मैं उनको भी यहां ले आई थी।

योगी भी यहां सीएम की हैसियत से ही आए हैं। मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश का होता है, क्योंकि वह खुद गोशाला चलाते हैं और गायों की सेवा में उनकी रुचि है इसलिए हमने उनसे आग्रह किया था कि वे हमारी गौशाला में आएं और इसकी बेहतरी के कुछ उपाय बताएं। मुलायम के बेटे और 5 करोड़ की कार से चर्चा में आए प्रतीक यादव जिन्हें लोग कारों के शौकीन के तौर पर जानते हैं, उनकी गायों की दिलचस्पी के बारे में लोगों को आज पता चला। प्रतीक ने कहा कि तमाम लावारिस जानवर जो सड़कों पर भूखे घूमते हैं, पॉलीथीन खाकर मौत की कगार पर पहुंच जाते हैं और तमाम बार गाड़ियों की चपेट में आकर जख्मी हो जाते हैं। हम उन्हें यहां पनाह देते हैं और उनके खाने-पीने और सेहत का ध्यान रखते हैं। योगी के गोशाला में आने का राजनीति से कोई ताल्लुख नहीं और मेरी राजनीति में दिलचस्पी नहीं है।

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