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लखनऊ: उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद आदित्यनाथ योगी ने आज (गुरूवार) पहली बार प्रदेश विधानसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सदन को चर्चा का मंच बनाना है और यूपी को नंबर एक राज्य बनाना है । उन्होंने कहा, 'मेरी सरकार विपक्ष से भेदभाव नहीं करेगी। लोकतंत्र में किसी को भी भेदभाव महसूस नहीं होना चाहिए।' योगी ने कहा, 'चुनावों में हम एक-दूसरे के खिलाफ थे, लेकिन अब एक साथ उत्तर प्रदेश के लिए काम करना है। हमें उम्मीदों पर खरा उतरना है। उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ जनता के बारे में सोचना है। सत्ता पक्ष और विपक्ष लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। दोनों मिलकर एक साथ कार्य कर सकें। हम सभी का लक्ष्य एक ही होना चाहिए।जनता की समस्या के समाधान में विपक्ष भी सहयोग करे।' उन्होंने कहा, 'प्रदेश की जनता ने विकास के लिए हमें मौका दिया है, ऐसे में हमें इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। विकास दर और उत्तर प्रदेश के आम जन की समस्या को देखा जाए तो हम अभी बहुत पीछे हैं। क्या यह हो सकता है कि यह सदन चर्चा का एक मंच बन सके। उच्च लोकतांत्रिक मूल्यों का एक आदर्श बन सके।' सीएम योगी ने कहा हम आशा करते हैं कि विधानसभा शांति पूर्ण ढंग से चलेगी और प्रदेश के विकास के लिए काम करेगी। इससे पहले हृदयनारायण दीक्षित को सर्वसम्मति से यूपी विधानसभा का नया स्पीकर चुना गया।

इस अवसर पर आदित्यनाथ ने दीक्षित के लेखन की सराहना की और उसे प्रेरणादायक बताया. सीएम योगी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का अभिनंदन करते हुए कहा, आपने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है। आपने पत्रकारिता जगत में काफी सक्रिय योगदान दिया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी लगातार एक्शन में दिख रहे हैं और उनकी इस सक्रियता का असर प्रशासन पर भी दिख रहा है। कानून-व्यवस्था में सुधार के योगी के आदेश के बाद यूपी का प्रशासन हरकत में आ गया है। योगी ने मंगलवार को बड़े अधिकारियों को इस बारे में रोड मैप तैयार करने का आदेश दिया था। योगी के आदेश पर अमल करते हुए बुधवार को प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें कानून व्यवस्था मजूबत करने को लेकर चर्चा हुई थी। योगी अपनी सरकार को चाल, चरित्र और चेहरा के आधार पर सबसे अच्छा पेश करना चाहते हैं। इसीलिए अब जब सरकार बनने का जश्न और मिलने-मिलाने का काम खत्म हो चुका है तो योगी चाहते हैं कि अब फोकस सिर्फ काम पर हो।

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