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गोरखपुर: सीएम योगी के संसदीय क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज में इंसेफेलाइटिस व ऑक्‍सीजन की कमी से हुई 63 बच्‍चों की मौत के बाद राजनीति गर्मा गई है। मेडिकल कॉलेज में हुई इन मौतों पर विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। कल, पूर्व मुख्यमंत्री पूर्व सीएम अखिलेश यादव ट्वीट करके योगी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने भी घटना पर शोक व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की थी। इसके बाद आज राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज भी पहुंचे। इस दौरान कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री सिद्दार्थ नाथ सिंह व प्राविधिक शिक्षा एवं चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की मौत में राज्य सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बीएसपी के सुधींद्र भदौरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार के ये लिए बेहद शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हुआ है उसके लिए सरकार को नैतिकता के आधार पर जिम्मादारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं में इतनी शर्म है कि सीएम योगी इसकी जिम्मेदारी ले और अपना पद छोड़ें। वहीं, समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार को मरने वाले बच्चों के परिवनों को मुआवजा देना चाहिए।

नई दिल्ली/गोरखपुर: गोरखपुर में पिछले पांच दिनों में 63 बच्चों की दर्दनाक मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जान गंवाने वाले बच्चों में 5 नवजात शिशु भी थे। हॉस्पिटल में होने वाली कुल मौतें 30 हैं। इन मौतों की वजह आधिकारिक तौर पर भले ही नहीं बताई जा रही हो लेकिन कहा जा रहा है कि इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी ही कारण है। जबकि, यूपी सरकार का कहना है कि ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं हुई। 9 तारीख की आधी रात से लेकर 10 तारीख की आधी रात को 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई।जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज़ रखे जाते हैं। यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई। अस्पताल के सूत्र कहते हैं कि ऑक्सीजन की सप्लाई में गड़बड़ी होने से बच्चों की मौत हुई है। यह अस्पताल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में आता है। पिछली 9-10 तारीख को खुद मुख्यमंत्री ने इस अस्पताल का दौरा किया था। उसके बाद भी इस तरह की लापरवाही सामने आई है। इस घटना पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

लखनऊ: यूपी में स्वतंत्रता दिवस को जोर शोर मनाने की तैयारी जारी है और इस बीच सरकार की ओर से मदरसों के लिए एक आदेश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के सभी मदरसों को पत्र जारी कर स्वतंत्रता दिवस हर्षोउल्लास से मनाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि 15 अगस्त को मदरसों में तिरंगा फहराया जाए, राष्ट्रगान भी गाया जाए। यह पत्र 3 जुलाई को उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद की ओर से जारी किया गया है। इसे सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को भेजा गया है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश के सभी मदरासों में स्वतंत्रता दिवस को हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाए। पत्र में आगे कहा गया है कि 15 अगस्त को सुबह 8 बजे झंडा रोहण और राष्ट्रगान का समय रखा गया है। इसके बाद 8.10 पर स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को श्रद्धांजलि देने की बात कही गई है। इसके अलावा यह भी सलाह दी गई है कि कार्यक्रम में स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला जाए, मदरसों के छात्रों द्वारा राष्ट्रीय गीत प्रस्तुत किया जाए, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और शहीदों के बारे में छात्रों को जानकारी दी जाए, राष्ट्रीय एकता पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाए।

गोरखपुर: गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में तीस बच्चों की मौत हुई है. पिछले 36 से 48 घंटों के बीच इन बच्चों की मौत हुई है। इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी होना बताया जा रहा है। अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि ऑक्सीजन की सप्लाई में गड़बड़ी होने से बच्चों की मौत हुई है। यह अस्पताल प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद में आता है। पिछली 9-10 तारीख को खुद मुख्यमंत्री ने इस अस्पताल का दौरा किया था। उसके बाद भी इस तरह की लापरवाही सामने आई है। हालांकी स्थानीय प्रशासन ने बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। लेकिन फिलहाल ऑक्सीजन की कमी इसकी वजह बताई जा रही है। अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि कल यानी 10 अगस्त को 23 बच्चों और आज 7 बच्चों की मौत हुई है। ये मौतें आईसीयू में हुई हैं। सांसद कमलेश पासवान ने अस्पताल का दौरा किया। डॉक्टर ने बताया कि 8 से 12 बच्चे रोजाना मरते हैं जापानी बुखार से। मामला इसलिए भी ज्‍यादा गंभीर हो जाता है कि यह मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के गृह जनपद में हुआ है। मुख्यमंत्री गुरुवार को इस इलाके में दौरे पर भी थे। गुरुवार को 23 बच्‍चों की मौत हुई है, जिसमें 7 बड़े बच्‍चे थे बाकी 3 दिन और चार दिन के थे।

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