ताज़ा खबरें
'दिल्ली हुई आप-दा मुक्त, विकास-विजन-विश्वास की जीत': पीएम मोदी
आप सत्ता से हुई बेदखल, बीजेपी ने 27 साल बाद जीता दिल्ली चुनाव
पूर्व सीएम केजरीवाल ने हार स्वीकारी, जीत के लिए बीजेपी को दी बधाई
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार पूरे विपक्ष के लिए झटका:योगेंद्र यादव
मिल्कीपुर उपचुनाव में बीजेपी ने 61,710 मतों से जीत का परचम लहराया

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) को एक और झटका लग गया है। बुधवार को एक और विधान परिषद सदस्य ने उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया । पिछले करीब एक पखवाड़े के दौरान सपा को यह ऐसा चौथा झटका है । पूर्व में इस्तीफा देने वाले तीन सदस्य भाजपा में चले गए हैं। सदन के आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि सपा के विधान परिषद सदस्य अशोक बाजपेयी ने सभापति रमेश यादव को अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। बाजपेयी पिछले करीब एक पखवाड़े के दौरान इस्तीफा देने वाले सपा के चौथे विधान परिषद सदस्य हैं। अशोक वाजपेयी का विधान परिषद में कार्यकाल 30 जनवरी 2021 तक था। अशोक वाजपेयी ने इस्तीफे के बाद पत्रकारों से कहा कि सपा में नेता जी (पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव) की उपेक्षा हो रही थी। जिसने पार्टी को खड़ा किया, उसी की उपेक्षा हो रही है। इस कारण वह खासे आहत थे। हाल ही में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने नेताओं के भाजपा में जाने के सवाल पर कहा था कि जिनको जाना है तो जाएं लेकिन बहाना न बनाएं। अगली बार उनकी सरकार बनेगी। सूत्र बताते हैं कि सपा के एमएलसी मधुकर जेतली व राम सकल गूर्जर भी इस्तीफा दे कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं।

इससे पहले गत 29 जुलाई को सपा विधान परिषद सदस्यों बुक्कल नवाब तथा यशवंत सिंह जबकि चार अगस्त को सरोजिनी अग्रवाल ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। बाजपेयी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नजदीक माने जाते थे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सात अगस्त को एक कार्यक्रम में पार्टी विधान परिषद सदस्यों के इस्तीफे पर कहा था कि जिन्हें जाना है वह कोई अनर्गल बहाना बनाए बगैर चले जाएं, ताकि उन्हें भी पता लग सके कि उनके बुरे दिनों में कौन उनके साथ है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख