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लखनऊ: सीता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताने वाले उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के विरुद्ध शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद दायर किया गया है। मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तथा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय को भी सह-आरोपी बनाया गया है। अधिवक्ता बीएन सिंह यादव ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में गत चार जून को दायर किए गये परिवाद संख्या 3567 में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डाक्टर दिनेश शर्मा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को आहत करते हुए माता सीता को टेस्ट ट्यूब बेबी बताया है।

यादव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी करने के बाद भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तथा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे ने उपमुख्यमंत्री शर्मा के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की। इससे जाहिर होता है कि वे दोनों भी इस अपराध में शामिल हैं।

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गेहूं खरीद और सरकारी अनाज वितरण में गड़बड़ियों पर सख्त रूख अपनाते हुए फतेहपुर के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत और गोण्डा के जिलाधिकारी जे.बी.सिंह समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री के पास खाद्य विभाग भी है। फतेहपुर में गेहूं खरीद में गड़बड़ी पायी गई थी। यह जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 31 मई को खाद्य विभाग के विशेष सचिव और अपर आयुक्त ने गेहूं खरीद केन्द्रों की जांच की थी।

जांच में पाया गया कि 13 मई के बाद से वहां कोई भी खरीद नहीं हुई थी और न ही इसका कोई औचित्य बताया गया था। खाद्य आयुक्त ने किसानों को टोकन वितरण न करने और गेहूं खरीद प्रभावित करने के आरोप में फतेहपुर की बिसौली मण्डी के खरीद केन्द्र प्रभारी नरेन्द्र कुमार, विपणन निरीक्षक शक्ति जायसवाल, जिला खाद्य विपणन अधिकारी घनश्याम को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा पीसीएफ के जिला प्रबन्धक मोहम्मद रफीक अंसारी, फतेहपुर मण्डी के यूपी एग्रो के खरीद प्रभारी प्रेम नारायण को निलंबित किया गया।

लखनऊ: भाजपा नीत नरेंद्र मोदी सरकार पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के सरकारी कर्मियों को प्रोन्नति में आरक्षण को लटकाने का आरोप लगाते हुए बसपा अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद सरकार को पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था का लाभ देना चाहिये। बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि ‘‘एससी-एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को प्रोन्नति में आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने हमेशा ही सही व संवैधानिक माना है। परन्तु इसे लागू करने में जो जटिलता आयी है, उस कारण यह कानूनी व्यवस्था पूरे देश में और खासकर उत्तर प्रदेश में पिछले अनेक वर्षों से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनी हुई है।’’

उन्होंने कहा कि इसके सही समाधान के लिये ही संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा से काफी संघर्ष के बाद पारित कराया गया था, जो अभी लगभग पिछले चार वर्षों से लोकसभा में लंबित पड़ा हुआ है। मायावती ने आरोप लगाया कि पहले कांग्रेस और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ‘‘प्रोन्नति में आरक्षण‘‘ के मुद्दे पर अपना जातिवादी रवैया त्यागने को तैयार नहीं लगती है। यही कारण है कि इस सम्बन्ध में संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा से पारित नहीं कराया जा रहा है।

नई दिल्ली: 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर सरकारी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अखिलेश यादव ने भाजपा को चुनौती दी है कि वो 2019 के साथ ही सारे चुनाव करा ले, समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार है। उन्‍होंने कहा कि आप 2019 में ही चुनाव करवा दो हम समाजवादी लोग पूरी तरह से तैयार हैं। इससे अच्‍छा मौका कहां मिलेगा देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। संदेश तो यहीं से जाएगा। इससे पहले 'एक देश एक चुनाव' तय करने को बनी सरकारी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।

कमेटी ने यूपी में अगला विधानसभा चुनाव 2022 के बजाय 2024 लोकसभा चुनाव के साथ कराने की राय दी है। इस तरह योगी सरकार का कार्यकाल सात साल का हो जाएगा। कमेटी चाहती है कि दिसंबर 2021 के पहले होने वाले सारे चुनाव 2019 में लोक सभा चुनाव के साथ करा लिया जाए। विधि आयोग के सुझाव की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की है।

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