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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश की गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट से विपक्षी सदस्यों के डिसेंट नोट को हटा दिया गया। इस बात को मल्लिकार्जुन खड़गे समेत अन्य विपक्षी सांसदों ने उठाया। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट से डिसेंट नोट हटाए गए: खड़गे

वक्फ संशोधन बिल पर राज्यसभा में पेश की गई जेपीसी रिपोर्ट पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जेपीसी के कई सदस्यों ने डिसेंट नोट दिया था, लेकिन उसे डिलीट कर दिया गया। यह अलोकतांत्रिक कार्य है। जेपीसी में बाहर के लोगों के बयानों को लिया गया, उन्हें सुना गया, लेकिन डिसेंट नोट को हटा दिया गया, क्या जेपीसी में जिन सदस्यों ने डिसेंट नोट दिया, उनमें से कोई भी पढ़ा लिखा नहीं है?

वक्फ संशोधन विधेयक -2024 पर जेपीसी की रिपोर्ट आज लोकसभा में भी पेश की गई।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष एवं बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल ने कहा, "आज जेपीसी और वक्फ की रिपोर्ट को लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यसूची पर रखा है जिसे आज हम प्रस्तुत करने जा रहे हैं। 6 महीने पूर्व जब सरकार इस बिल पर संशोधन लेकर आई थी तब केंद्रीय मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आग्रह किया था कि इस बिल पर विस्तार से चर्चा की जाए। क्योंकि यह देश का ज्वलंत मुद्दा है। आज जेपीसी ने पूरे 6 महीनें में कई बैठकों और सभी राज्यों के दौरे के बाद रिपोर्ट तैयार की है।"

विपक्ष के नेताओं ने जो अपना विरोध दर्ज कराया: संजय सिंह

आप सांसद संजय सिंह ने वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पर कहा, "मैं जेपीसी का मेंबर था और बहुत अफसोस की बात है कि विपक्ष के नेताओं ने जो अपना विरोध दर्ज कराया, उनका विरोध भी शामिल नहीं किया गया। लोकतंत्र में अलग-अलग पार्टियों को अपनी राय देने का हक है। इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। वे आगे गुरुद्वारा, मंदिर और चर्च की जमीनों पर कब्ज़ा करने का बिल लाएंगे।"

ओवैसी ने वक्फ बिल का किया विरोध

एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बिल पर जेपीसी की रिपोर्ट पर कहा, "आज सुबह लोकसभा सांसदों के एक समूह ने स्पीकर से मुलाकात की। हमने उन्हें बताया की हमारे असहमति नोटों में कई पेजों और पैराग्राफ को संपादित कर दिया गया है। मुझे उम्मीद है कि स्पीकर साहब और जेपीसी के संयुक्त सचिव के साथ हमारी जो बैठक हुई, उसके बाद हमारे द्वारा उठाई गई आपत्तियों को (बिल में) शामिल कर लिया जाएगा। देखना ये है कि 2 बजे जब रिपोर्ट पेश होगी तो हमारे द्वारा बताए गए बिंदुओं को उसमें शामिल किया जाएगा या नहीं। बहरहाल हमने बैठक की है। हमने कहा है कि जो भी तथ्यात्मक था, आप उसे शामिल करें।"

अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने का एक उदाहरण: इमरान मसूद

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, "वक्फ विधेयक अब पेश किया जा रहा है। यह संविधान में हमें दिए गए अधिकारों पर हमला है। वक्फ विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को दबाने का एक उदाहरण है। उन्होंने (सरकार ने) हमारे असहमति नोटों को शामिल नहीं किया है। हमने अपने विचार सामने रखे हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि उन्होंने क्या किया है। वे देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर अपना एजेंडा चला रहे हैं।"

 

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