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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में परेशानी का सबब बनी बारिश से कम से कम एक और हफ्ते तक निजात मिलने की उम्मीद नहीं है। राज्य में हो रही जानलेवा बारिश के कारण हुए हादसों में पिछले 24 घंटों के दौरान 12 और लोगों की मौत हो गयी। इसके साथ ही पिछली एक जुलाई से अब तक ऐसी दुर्घटनाओं में मरने वालों का आंकड़ा 175 तक पहुंच गया है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान गोण्डा, बांदा तथा कानपुर देहात में बारिश के कारण हुए हादसों में दो-दो लोगों और अम्बेडकर नगर, शाहजहांपुर, पीलीभीत, मिर्जापुर, लखनऊ और आजमगढ़ में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गयी। सूबे में एक जुलाई से अब तक वर्षाजनित हादसों में 175 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 144 लोग जख्मी भी हुए हैं। इनमें से ज्यादातर मौतें दीवार ढहने, पेड़ उखड़ने, बिजली गिरने और जमीन धंसने की घटनाओं में हुई हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज (गुरुवार) कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकारी बंगले में विभिन्न निर्माण कार्य किया था, जिसके लिए उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नही ली थी और अब इस मामले में कानून अपना काम करेगा। उप्र सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह आज गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ''यह स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास में कई निर्माण कार्य कराये थे। इसके लिए उन्होंने राज्य संपत्ति विभाग से अनुमति नही ली थी।

सिंह ने कहा कि इसके लिए कानून है और इस बारे में कानून अपना काम करेगा। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने जून में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को समाजवादी पार्टी नेता के सरकारी बंगला छोड़ते समय की गयी तोड़फोड़ के मामले की जांच कराने का आदेश दिया था, जिसकी रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गयी है। इसके बारे में पूछे जाने पर सिंह का बयान आया है। अखिलेश जब 2012 में उप्र के मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर अपने नाम से एक बंगला आवंटित कर लिया था।

लखनऊ: यूपी में योगी सरकार ने अखिलेश यादव को सरकारी बंगले में तोड़फोड़ करने के इल्‍जाम में नोटिस देने की कार्यवाही कर रही है। पीडब्‍ल्‍यूडी विभाग की जांच में बंगले में तोड़फोड से 10 लाख रुपये के नुकसान का अंदाजा लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यूपी के सभी पूर्व मुख्‍य‍मंत्रियों को अपने सरकार बंगले खाली करने थे। अखिलेश यादव पर आरोप है कि बंगले को खाली करते वक्‍त उन्‍होंने उसमें तोड़फोड़ करवाई जिसके तस्‍वीरें भी मीडिया में आई थीं।

अखिलेश यादव का कहा था कि भाजपा की सरकार उन्‍हें बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है। उन्‍होंने अपने सरकार बंगले में अपनी जरूरत के मुताबिक अपने पैसे से जिम बनाया था और कई सामान लगाए थे। उनमें से कुछ वो बंगला खाली करते वक्‍त अपने साथ ले गए थे, लेकिन सरकार ने इसकी जांच बिठा दी थी। पीडब्‍ल्‍यूडी विभाग ने अब अपनी जांच रिपोर्ट राज संपत्ति विभाग को सौंप दी है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा कि 'भाजपा शासित असम राज्य में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के प्रकाशन के बाद 40 लाख से ज्यादा धार्मिक व भाषाई अल्पसंख्यकों की नागरिकता लगभग खत्म कर दी गई है। यह अनर्थ है, इससे भाजपा एंड कंपनी ने अपनी स्थापना का एक प्रमुख उद्देश्य पूरा कर लिया है।' मायावती ने आईपीएन को दिए अपने बयान में कहा कि असम में बरसों से रहने के बावजूद अगर वे लोग अपनी नागरिकता के संबंध में कोई ठोस सबूत नहीं दे पाए हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि उन लोगों से उनकी नागरिकता ही छीन ली जाए और उन्हें देश से बाहर निकालने का जुल्म ढाया जाए।

उन्होंने कहा, "नागरिकता छिनने से प्रभावित लोगों में ज्यादातर बंगाली मुसलमान हैं तथा भाषाई अल्पसंख्यकों में बांग्ला बोलने वाले गैरमुस्लिम बंगाली हैं। इसीलिए बंगाल में भी इसका काफी दुष्प्रभाव पड़ने वाला है। भाजपा एंड कंपनी इसका फायदा लेने का प्रयास कर रही है।" बसपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा-आरएसएस की संकीर्ण विभाजनकारी नीतियों के कारण असम में आज ऐसा अनर्थ परिणाम आया है।

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