नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को सोमवार को नया मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। कानून मंत्रालय ने यह जानकारी दी। कुमार निर्वाचन आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं। उनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2029 तक रहेगा, जिसके कुछ दिन बाद निर्वाचन आयोग अगले लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) को चुनने के लिए चयन समिति की बैठक में अपनी असहमति दर्ज की थी। उन्होंने समिति की संरचना को ही असंतुलित बताया था क्योंकि इसमें मुख्य न्यायाधीश की मौजूदगी को खत्म कर दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राहुल गांधी की मौजूदगी वाली चयन समिति की एक बैठक सोमवार (17 फरवरी) हुई थी। इस बैठक में अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को अंतिम रूप दिया जाना था क्योंकि मौजूदा सीईसी राजीव कुमार का कार्यकाल आज (18 फरवरी) को खत्म हो रहा है।
राजीव कुमार के रिटायर होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर नियुक्ति उस कानून में संशोधन के बाद पहली नियुक्ति है जिसे संसद ने 2023 में पास किया था। नए कानून के तहत के मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त चुनने वाली समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता सदस्य होंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा सदस्य के रूप में नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री होगा।
इस कानून के पास होने के कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने फैसला दिया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश की सदस्यता वाली समिति की सलाह के आधार पर की जानी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक सोमवार को हुई बैठक में करीब 30 मिनट तक चली थी, जिसमें सरकार ने अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के लिए पांच नामों का प्रस्ताव रखा था, इनमें मौजूदा चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार का नाम भी शामिल था। लेकिन लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चयन समिति की संरचना को असंतुलित बताते हुए इसका विरोध किया और सुप्रीम कोर्ट में कानून को चुनौती दिए जाने का हवाला दिया। लेकिन उनके इस विरोध को अनदेखा कर दिया गया, अलबत्ता बैठक के मिनट्स में राहुल गांधी की असहमति को दर्ज किया गया है।
इसके बाद सोमवार देर रात कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर ज्ञानेश कुमार को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त करने का ऐलान किया। अधिसूचना के मुताबिक आईएएस अधिकारी विवेक जोशी (हरियाणा कैडर) को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के अनुसार, कानून और न्याय मंत्री की अध्यक्षता वाली एक खोज समिति और भारत सरकार के सचिव के पद से नीचे के दो अन्य सदस्यों को शामिल करके सीईसी और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए चयन समिति के विचार के लिए पांच व्यक्तियों का एक पैनल तैयार करेगी। इसी समिति ने बैठक के लिए पांच नामों को भेजा था।
ज्ञानेश कुमार के अलावा हरियाणा कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी विवेक जोशी को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है। जोशी (58) का जन्म 21 मई 1966 को हुआ था और वह 2031 तक निर्वाचन आयोग में कार्य का निर्वहन करेंगे।
कानून के अनुसार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त या निर्वाचन आयुक्त 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं या फिर छह वर्ष के लिए आयोग में रह सकते हैं। इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत सुशील चंद्रा को निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। आयोग में शामिल होने से पहले चंद्रा ने सीबीडीटी से इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव जोशी जनवरी 2019 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे।
ज्ञानेश कुमार 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस वर्ष के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव और 2026 में केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी संभालेंगे। ज्ञानेश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद निर्णय को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और 15 मार्च, 2024 को निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला था। वे 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
इससे पहले कांग्रेस ने सोमवार को दिन में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि मोदी सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए 2023 में जो नया कानून लेकर आई है, इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर 3 आर्डर पास किए हैं और अगली सुनवाई 19 फरवरी के आस पास होनी है। इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन को लेकर कांग्रेस ने सीईसी के चुनाव के लिए बुलाई गई बैठक को स्थगित करने की मांग की थी। साथ ही मोदी सरकार से आग्रह किया था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट को ये याचिका दे कि सीईसी के चुनाव से जुड़ी सुनवाई जल्द की जाए। इसमें कांग्रेस, सरकार का पूरा समर्थन करेगी।
सुप्रीम कोर्ट 19 फरवरी की इस मामले की सुनवाई करने वाला है।