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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले ने रविवार को राजनीतिक रंग ले लिया है। इस मामले को लेकर अब आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। एक ओर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं में समाजवादी पार्टी का हाथ रहा है । दूसरी तरफ बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग की। योगी ने गोरखपुर से चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी राजनीतिक पार्टी से क्यों ना जुड़े हों।

योगी ने कल रात कहा कि पूर्व में सपा नेताओं के इस तरह की घटनाओं में शामिल होने की बात सामने आई है। आजमगढ़, हरदोई, कानपुर, और बाराबंकी में पूर्व में हुई जहरीली शराब की घटनाओं में सपा नेता शामिल पाए गए थे। उधर सपा की नई साझेदार बसपा ने जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों को दोषी ठहराया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि दोनों ही राज्यों की सरकारों का ज़हरीली शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर ढुलमुल रवैया रहा है। उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की।

प्रयागराज: सूर्योदय से घंटों पहले ही लाखों श्रद्धालुओं ने बसंत पंचमी पर संगम में डुबकी लगाई। कुंभ मेले का रविवार को तीसरा और अंतिम शाही स्नान है। कई लोग गंगाजल ले जाते हुए दिखे। तड़के दो बजे से पहले ही कई श्रद्धालु मेला क्षेत्र से बाहर निकलते और अपने-अपने गंतव्यों तक जाने के लिए वाहन की तलाश करते देखे गए। श्रद्धालु जोश से भरे हुए थे और शीत लहर भी उनके उत्साह को कम नहीं कर सकी। ‘हर हर गंगे’ और ‘जय गंगा मैया’ के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया। पर्यटक विभिन्न स्थानों पर सेल्फी लेते हुए भी देखे गए।

श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें निकास मार्ग तक ले जाने के लिए निर्देश जारी किए। कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘करीब 50 लाख श्रद्धालुओं ने सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लिया।’’ गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में शाही स्नान कुंभ मेला के आकर्षण का केंद्र है। इससे पहले दो शाही स्नान 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर और चार फरवरी को मौनी अमावस्या पर थे। तीसरा शाही स्नान बसंत पंचमी पर है जो वसंत ऋतु आने का अग्रदूत और देवी सरस्वती को समर्पित है।

सहारनपुर/हरिद्वार: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से हुई मौतों से हड़कंप मच गया है। अबतक यूपी के सहारनपुर, कुशीनगर और उत्तराखंड में कुल 79 लोगों की मौत हो चुकी है। कई का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। हरिद्वार में परोसी गई शराब में नशा बढ़ाने के लिए चूहा मारने की दवा मिलाने की आशंका है। जहरीली शराब से अकेले सहारनपुर 35 मौतें हुई हैं, जबकि 11 ने मेरठ में इलाज के दौरान दम तोड़ा। हरिद्वार में 24 और कुशीनगर में नौ मौतें हुई हैं। मरने वाले ज्यादातर वे लोग हैं, जो हरिद्वार के बालूपुर गांव में एक तेरहवीं संस्कार में शामिल होने गए थे और वहीं पर उन्होंने शराब पी थी।

175 गिरफ्तार, 297 मुकदमे दर्ज

सहारनपुर और कुशीनगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान में चौबीस घण्टों के दरम्यान अवैध शराब बनाने व बेचने के मामले में कुल 297 मुकदमे दर्ज किए गए। साथ ही 175 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस और आबकारी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से चलाए गए इस अभियान में 9269.7 लीटर अवैध शराब और 47700 किलोग्राम अवैध शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाली कच्ची सामग्री (लहन) बरामद किया गया। यूपी सरकार ने लापरवाही के आरोप में नागल थाना प्रभारी सहित दस पुलिसकर्मी, आबकारी विभाग के तीन निरीक्षक और दो कांस्टेबल को निलंबित किया है। जबकि उत्तराखंड सरकार ने आबकारी विभाग के 13 कर्मचारी और चार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। उत्तरप्रदेश पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति संभवत: 30 पाउच शराब सहारनपुर लेकर आया था। इससे मौतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। हालांकि, इसकी पुष्टि की जा रही है।

देर रात तक चली कार्रवाई

यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी ने देर रात वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलाधिकारियों व पुलिस प्रमुखों से अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने का निर्देश दिया। इसके बाद दर्जनों जिलों में अवैध शराब के खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की गई।

राहत देने का प्रयास

उत्तराखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और अस्पताल में भर्ती लोगों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यूपी सरकार पहले ही मदद का ऐलान कर चुकी है।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख और उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियों के विषय में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर शनिवार को मायावती ने कहा कि मीडिया कृपा करके न्यायालय की टिप्पणी को तोड़मरोड़ कर पेश न करे और मीडिया और भाजपा के लोग कटी पतंग न बनें तो बेहतर है। मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ''सदियों से तिरस्कृत दलित तथा पिछड़े वर्ग में जन्मे महान संतों, गुरुओं तथा महापुरुषों के आदर-सम्मान में निर्मित भव्य स्थल/स्मारक/पार्क आदि उत्तर प्रदेश की नई शान, पहचान तथा व्यस्त पर्यटन स्थल हैं, जिसके कारण सरकार को नियमित आय भी होती है।''

उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, ''मीडिया कृपा करके माननीय सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश न करे। माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया तथा भाजपा के लोग कटी पतंग न बनें तो बेहतर है।'' माननीय न्यायालय में अपना पक्ष ज़रूर पूरी मजबूती के साथ आगे भी रखा जायेगा। हमें पूरा भरोसा है कि इस मामले में भी मा. न्यायालय से पूरा इंसाफ मिलेगा। मीडिया व भाजपा के लोग कटी पतंग ना बनें तो बेहतर है।

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