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वाराणसी: सोनभद्र जिले के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार में मृतकों के परिजनों के साथ बैठक के बाद पीड़ितों के साथ बाहर आईं प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरा मकसद पूरा हुआ और हमारी कुछ मांगे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25 लाख मुआवजा दिया जाए, मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए। प्रियंका ने कहा, पीड़ितों को जमीन का मालिकाना हक मिले और निर्दोषों पर किए गए झूठे मुकदमे वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस भी पीड़ितों की आर्थिक मदद करेगी।

गौरतलब है कि शुक्रवार को सोनभद्र जाते वक्त प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया गया था और उन्हें चुनार गेस्ट हाउस में रखा गया था। प्रियंका इस बात पर अड़ी हुईं थीं कि वह पीड़ित परिवारों से मिले बगैर वापस नही लौटेंगी। लिहाजा प्रियंका ने रात चुनार में गुजारी। सुबह पीड़ित परिवार प्रियंका से मिलने चुनार पहुंचे। पीड़ित परिजनों से एकांत में मुलाकात के बाद प्रियंका ने करीब 26 घंटे बाद अपना धरना खत्म करने की घोषणा की। सोनभद्र जिले में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में जमीन विवाद में गत बुधवार, 17 जुलाई को मारे गए दस लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को रोका गया था।

वाराणसी: सोनभद्र जिले में घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में जमीन विवाद में गत बुधवार, 17 जुलाई को मारे गए दस लोगों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रोका गया था। 24 घंटे बीतने के बाद भी प्रियंका गांधी अपनी जिद पर कायम हैं और चुनार किले में पेड़ के नीचे धरने पर बैठी हैं। इसी दौरान प्रियंका से मिलने आए मृतकों के रिश्तेदारों को पुलिस ने किले के नीचे ही रोक दिया। साथ ही प्रियंका गांधी को भी उनसे नहीं मिलने दिया गया। इस बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई।

प्रियंका गांधी ने पूरी रात चुनार में ही गुजारी और शनिवार सुबह 10.15 बजे बाहर निकलकर कार्यकर्ताओं से मिलीं। इस दौरान प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं तब तक यहां से नहीं जाउंगी जब तक मैं सोनभद्र में खूनी संघर्ष में मारे गए आदिवासियों के परिवार से नहीं मिल लूंगी।

वहीं तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को वाराणसी पुलिस ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर रोक दिया। यह प्रतिनिधिमंडल सोनभद्र में पीड़ितों के परिजनों से मिलने जा रहा था।

सोनभद्र: गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने के लिए अड़ गई हैं। सोनभद्र जाते समय उनका काफिला मिर्जापुर के नरायनपुर चौकी के पास रोक दिया गया था, जहां वह धरने पर बैठ गईं। धारा 144 लागू होने के कारण प्रशासन ने उन्हें हिरासत में ले लिया और चुनार किला के गेस्ट हाउस में लाया गया। उनका कहना है कि वह अगर जाएंगी तो सोनभद्र जाएंगी, नहीं तो रात भर चुनार किले में ही रहेंगी। इसलिए शुक्रवार रात को वह गेस्ट हाउस में ही रुकेंगी।

शाम 8 बजे करीब चुनार गेस्ट हाउस की बिजली चली जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर जान-बूझकर बिजली कटौती का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को परेशान करना चाहते हैं ताकि हम जगह छोड़ दें। लेकिन हम यहां रात मोमबत्तियों के साथ बिताएंगे और अपना विरोध जारी रखेंगे। वहीं प्रियंका ने ट्विटर के जरिए यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूं। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर उन्हें शुक्रवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने यह नोटिस जारी करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की। यह चुनाव याचिका सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर की गयी है।

यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किये जाने से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे। वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने यादव को यह प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से तो नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था।

तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया है।

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