सोनभद्र: गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने के लिए अड़ गई हैं। सोनभद्र जाते समय उनका काफिला मिर्जापुर के नरायनपुर चौकी के पास रोक दिया गया था, जहां वह धरने पर बैठ गईं। धारा 144 लागू होने के कारण प्रशासन ने उन्हें हिरासत में ले लिया और चुनार किला के गेस्ट हाउस में लाया गया। उनका कहना है कि वह अगर जाएंगी तो सोनभद्र जाएंगी, नहीं तो रात भर चुनार किले में ही रहेंगी। इसलिए शुक्रवार रात को वह गेस्ट हाउस में ही रुकेंगी।
शाम 8 बजे करीब चुनार गेस्ट हाउस की बिजली चली जाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार पर जान-बूझकर बिजली कटौती का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वे प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को परेशान करना चाहते हैं ताकि हम जगह छोड़ दें। लेकिन हम यहां रात मोमबत्तियों के साथ बिताएंगे और अपना विरोध जारी रखेंगे। वहीं प्रियंका ने ट्विटर के जरिए यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूं। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।
उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है।
प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सजा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’। मैंने न कोई कानून तोड़ा है न कोई अपराध किया है। बल्कि सुबह से मैंने स्पष्ट किया था कि प्रशासन चाहे तो मैं अकेली उनके साथ पीड़ित परिवारों से मिलने आदिवासियों के गांव जाने को तैयार हूं या प्रशासन जिस तरीके से भी मुझे उनसे मिलाना चाहता है मैं तैयार हूं। मगर इसके बावजूद उप्र सरकार ने यह तमाशा किया हुआ है। जनता सब देख रही है।
मैं इस संदर्भ में जमानत को अनैतिक मानती हूं और इसे देने को तैयार नहीं हूं। मेरी साफ मांग है कि मुझे पीड़ित आदिवासियों से मिलने दिया जाय। सरकार को जो उचित लगे वह करे। अगर सरकार पीड़ितों से मिलने के अपराध के लिए मुझे जेल में डालना चाहें तो मैं इसके लिए पूरी तरह से तैयार हूं।
प्रियंका ने निजी मुचलके पर हस्ताक्षर से किया इंकार
पुलिस ने प्रियंका गांधी, पूर्व विधायक अजय राय, ललितेशपति त्रिपाठी समेत दस लोगों के खिलाफ शांति भंग की आशंका में धारा 151, 107/16 में कार्रवाई की है। पुलिस अधिकारियों ने प्रियंका गांधी को निजी मुचलके पर रिहा करने के लिए उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करने को कहा, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि अगर वह निजी मुचलके पर हस्ताक्षर कर देती हैं और सोनभद्र जाने की मांग छोड़ देती हैं तो उन्हें रिहा कर दिया जाएगा।
10 बजे वाराणसी पहुंची प्रियंका
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 जुलाई को जमीनी विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचीं। इसके बाद करीब 11 बजे वह बीएचयू के ट्रामा सेंटर अस्पताल गईं, जहां उन्होंने सोनभद्र हत्याकांड में गंभीर रूप से घायल लोगों से उनका हाल जाना।
मिर्जापुर में हिरासत में ली गईं प्रियंका गांधी
इसके बाद सोनभद्र जाने के लिए उनका काफिला रवाना हुआ लेकिन अदलहाट थाने की नरायनपुर चौकी के सामने बैरिकेडिंग लगाकर डीएम और एसएसपी वाराणसी की मौजूदगी में प्रियंका का काफिला रोक दिया गया। इससे नाराज वह नरायणपुर पुलिस चौकी के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गईं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि आखिरकार उन्हें सोनभद्र जाने से रोकने का क्या आधार है और किसका आदेश है? अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सोनभद्र में धारा 144 लागू है, इस वजह से उन्हें रोका गया है।