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प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर उन्हें शुक्रवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने यह नोटिस जारी करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त तय की। यह चुनाव याचिका सीमा सुरक्षा बल के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर की गयी है।

यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किये जाने से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे। वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने यादव को यह प्रमाण पत्र जमा करने को कहा गया था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से तो नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था।

तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया है।

जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके, जो उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है।

यादव ने दलील दी है कि चूंकि मोदी ने नामांकन पत्र में अपने परिवार के बारे में विवरण नहीं दिया है, इसलिए उनका नामांकन पत्र भी रद्द किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। याचिकाकर्ता के वकील की यह दलील सुनने के बाद कि नामांकन खारिज करने से पहले उनके मुवक्किल को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया गया, न्यायमूर्ति एमके गुप्ता ने यह नोटिस जारी किया।

उल्लेखनीय है कि कई निर्वाचित सांसदों के चुनावों को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गयी हैं। रामपुर संसदीय क्षेत्र से आजम खान, बदायूं से संघ मित्रा मौर्य, मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल, भदोही से रमेश चंद और मछली शहर से भोला नाथ के निर्वाचन को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है और ये याचिकाएं लंबित हैं।

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