उन्नाव: गैंगरेप पीड़िता के घरवाले इस जिद पर अड़े हैं कि मुख्यमंत्री आएंगे तभी अंतिम संस्कार करेंगे। वह पीड़िता की बहन को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे थे। सुबह से ही तमाम लोगों की भीड़ पिता के दरवाजे पर जमा होने लगी है। शनिवार की रात पीड़िता का शव घर पर पहुंचा तो कोहराम मच गया। पूरी रात घरवाले जागते रहे। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को रात को ही अंतिम संस्कार करने का आग्रह किया। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद समेत तमाम प्रशासनिक अमला बिहार थाने में रात को डटा रहा। पीड़ित परिवार अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हुआ।
पिता का कहना था कि एक बेटी पुणे में रहती है वह सुबह तक आ जाएगी तभी बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे। रविवार की सुबह से ही सुमेरपुर मोड़ से लेकर वीरता के घर तक करीब 2 किलोमीटर पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। आईजी जोन डीएम एसपी समेत तमाम अफसर मौके पर सुबह ही पहुंच गए। प्रशासन ने पीड़ित परिवार से अंतिम संस्कार करने को कहा तो उन्होंने पहले बेटी के आने फिर बाद में मुख्यमंत्री के आने की बात कही। पीड़ित परिवार का कहना था कि बेटी के साथ अत्याचार हुआ है।
सूबे के मुख्यमंत्री यहां आएं और उनकी हकीकत देखें उसके बाद ही वह अंतिम संस्कार करेंगे।
पीड़ित परिवार कहना था कि उनके परिवार की माली हालत बहुत ही खराब है। वह छोटी बेटी के नौकरी की भी मांग कर रहे थे। प्रशासनिक अफसर पीड़िता परिवार को समझाने में लगे हैं। प्रशासन का कहना है कि पीड़ित परिवार अपने खेत में ही पीड़िता को दफन करेगा। इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है पीड़ित परिवार के अनुमति मिलते ही अंतिम संस्कार कराया जाएगा।
राजनीतिक दलों का होने लगा जमावड़ा
पीड़िता के दरवाजे पर सपा कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों का सुबह से ही जमावड़ा होने लगा। इसके साथ ही आसपास के गांव के तमाम लोग वहां जुट गए हैं। हर कोई पीड़ित परिवार को हिम्मत बढ़ाने के लिए पहुंच रहा है।
भूखे प्यासे पीड़ित परिवार हुए बेहाल
बेटी की मौत के बाद पीड़ित परिवार का रोते-रोते बुरा हाल है। बूढ़ी मां और पिता की तो जैसे दुनिया ही लूट गई हो। घरवाले बदहवास हैं। अत्याचारों से जंग लड़ते लड़ते बेटी की सांसे रुक गई। अब उनको सजा दिलाकर ही दम लेंगे।