लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि पांच राज्यों के चुनावों में विचारधारा के आधार पर वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। जनता ने जता दिया है कि सांप्रदायिकता और विभाजनकारी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है। अहंकार और फरेब की राजनीति चलने वाली नहीं है।
अखिलेश ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि विडंबना है कि भाजपा नेतृत्व दो तरह की बातें कर रहा है। वह अपने कार्यकर्ताओं को भी बहकाने में लगा है। अपनी हार से कोई सबक सीखने के बजाय उल्टे हार से निराश न होने और 2019 के चुनाव की बात कर रहा है। लोकतंत्र में जनादेश को सम्मानजनक तरीके से बिना किसी लाग-लपेट के पूरी ईमानदारी से स्वीकार करना चाहिए। किन्तु लगता है भाजपा अपनी जनविरोधी नीतियों में बदलाव नहीं लाना चाहती हैं। जन समस्याओं से मुंह फेरने का नतीजा उसके सामने है। फिर भी भाजपा का हठी रुख रहता है तो लोकतंत्र की व्यवस्था के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो सकती है।
उन्होंने कहा, नोटबंदी और जीएसटी से आर्थिक संकट गहराया है। व्यापार चैपट हुआ है और बेरोजगारी बढ़ी है। इसकी स्वीकारोक्ति को भाजपा नेतृत्व अब भी तैयार नहीं है और बहकी-बहकी बातें कर रहा हैं। जो पांच वर्ष भाजपा ने बर्बाद किए हैं उसको लेकर भी उसमें अपराध बोध न होना आश्चर्यजनक है।
अखिलेश ने कहा, भाजपा की आर्थिक-सामाजिक नीतियों से देश को बहुत नुकसान हुआ है, यह मानने को इसके नेता अभी भी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी ने हमेशा सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। समाज को बांटने वाली ताकतों का विरोध किया है। नफरत फैलाने वालों से संघर्ष किया है। समाज को जोड़ने और सबको साथ लेकर चलने के साथ सामाजिक सद्भाव का प्रसार उसकी नीति का एक प्रमुख अंग रहा है। समाजवादी विचारधारा ही आज की राजनीति में सर्वाधिक जनोन्मुख और समावेशी है।