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बुलंदशहर: बुलंदशहर स्याना हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में अहम माने जा रहे फौजी जीतू को स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जीतू फौजी ने इससे पहले कहा था कि घटना के वक्त मैं घटनास्थल पर मौजूद था लेकिन गोली मैने नहीं चलाई और ना ही इंस्पेक्टर की हत्या की है। गोली किसने चलाई इसकी कोई जानकारी उसे नहीं है। वहीं जीतू का भाई धर्मेंद्र फौजी उससे मिलने बुलंदशहर पुलिस लाइन में क्राइम ब्रांच दफ्तर पर पहुंचा लेकिन पुलिस ने धर्मेंद्र को जीतू से मिलने की इजाजत नहीं दी है।

इससे पहले फौजी जितेंद्र उर्फ जीतू को शनिवार देर रात सेना ने एसटीएफ मेरठ को सौंप दिया। इसके बाद पुलिस उसे घटनास्थल स्याना ले गई, जहां एसपी शहाब रशीद खान, एसपी क्राइम शिवराम यादव, सीओ राघवेंद्र मिश्र, एसटीएफ के सीओ बृजेश कुमार सिंह और एसआईटी की टीम जीतू से लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ के बाद फौजी जीतू को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

मालूम हो कि 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोकशी के बाद हिंसा हो गई थी, जिसमें स्याना पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव के युवक सुमितकी गोली लगने से मौत हुई थी।

इस मामले में एसआई सुभाष चंद्र ने थाना कोतवाली में 27 नामजद और 50- 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। नामजदों में बजरंग दल का जिला संयोजक योगेश राज और जीतू फौजी निवासी गांव महाव भी शामिल है। जीतू फौजी जम्मू कश्मीर में कारगिल में तैनात बताया गया था और हिंसा के समय छुट्टी पर गांव आया हुआ था। हिंसा के बाद जीतू फौजी 3 दिसंबर को अपनी ड्यूटी पर चला गया था।

परिजनों ने बताया था कि उसे 4 दिसंबर ड्यूटी ज्वाइन करनी थी। हिंसा की एक वीडियो को देखकर पुलिस का कहना था कि जो युवक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के पास नजर आ रहा है वह जीतू फौजी है। इसलिए पुलिस का शक यह गहराया कि सुबोध कुमार सिंह की हत्या में जीतू फौजी का हाथ हो सकता । इसको लेकर एसटीएफ और पुलिस टीम जीतू फौजी को हिरासत में लेने के लिए जम्मू कश्मीर गई हुई थी।

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