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बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बुलंदशहर में गोकशी के शक में हुई भीड़ की हिंसा पर समीक्षा बैठक की। सीएम योगी का समीक्षा बैठक में पूरा फोकस गोकशी पर रहा. इस दौरान उन्होंने हिंसा में मारे यूपी पुलिस के इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह पर एक शब्द भी नहीं बोला। सीएम ने इस घटना पर मुख्य सचिव, डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह, अपर पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस के साथ बैठक की। बैठक के बाद एक प्रेस रिलीज जारी की गई, जिसमें इंस्पेक्टर का कहीं जिक्र नहीं था। न ही इसमें हिंसा और पुलिस सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कोई बात कही गई है।

सीएम योगी ने बैठक में घटना की समीक्षा कर निर्देश दिए, 'इसकी गंभीरता से जांच की जाए और गोकशी में शामिल सभी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना एक बड़ा साजिश का हिस्सा है, इसलिए गोकशी के मामले में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सभी लोगों को समय पर गिरफ्तार किया जाए।'

इसके साथ ही उन्होंने हिंसा में मरने वाले युवक सुमित के परिवार वालों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। यह भी निर्देश दिया गया कि अभियान चलाकर माहौल खराब करने वाले तत्वों को बेनकाब करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बुलंदशहर के एक गांव में खेतों में कथित रूप से गाय के अवशेष मिलने के बाद हिंसा भड़क गई थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की गई। लेकिन भीड़ नहीं मानी और ज्यादा उग्र हो गई। भीड़ ने पुलिस पर ही हमला कर दिया।

पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की भीड़ के इस हमले में मौत हो गई। इसके अलावा एक सुमित नाम के युवक की भी इसमें मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई कर दी है। पुलिस ने 27 लोगों को नामजद किया और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही इस मामले में करीब चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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