ताज़ा खबरें
जिस हॉस्पिटल से बच्चा चोरी हो, उसका लाइसेंस रद्द करो: सुप्रीम कोर्ट
गड़े मुर्दे मत उखाड़ो भारी पड़ेगा, हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ: सुमन
बंगाल में मालदा और मुर्शिदाबाद के बाद अब सिलीगुड़ी में भड़की हिंसा
प्रयागराज में दलित को जिंदा जलाकर मारा, कानून व्यवस्था ध्वस्त: राय
बाबासाहेब को हराने के लिए बीजेपी के वैचारिक पूर्वज जिम्मेदार थे: खड़गे
बाबा साहेब को कांग्रेस ने अपमानित किया, दो बार हरवाया: पीएम मोदी

जोशीमठ (जनादेश ब्यूरो): ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने में सुरंग के जरिए भारी मात्रा में आ रहा मलबा बचाव दल के समक्ष बड़ी बाधा बनकर सामने आया है। अभी तक आपदा में 170 लोग लापता हैं। 34 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें से नौ लोगों की शिनाख्त हो चुकी है। 12 मानव अंग क्षत-विक्षत हालत में मिले हैं। हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं।

रैणी से श्रीनगर तक एसडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन, लोगों को तलाश रही आठ टीमें

ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 कर्मचारियों तक पहुंचने कार्य गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी है। बुधवार रातभर भी राहत बचाव कार्य जारी रहा। अब गुरुवार को सुरंग अंदर के पानी को बाहर निकाला जा रहा है। इसके बाद फिर खोदाई शुरू की जाएगी।

नई दिल्ली: उत्तराखण्ड के चमोली जिले में 7 तारीख को आई आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट की टनल में फंसे 34 मजदूरों को निकालने की कोशिश अभी भी चल रही है। टनल के एक तरफ से सेना और आईटीबीपी के जवान बचाव कार्य मे लगे है। मंगलवार शाम से टनल की दूसरी तरफ वायुसेना के विशेष दस्ते को उतार कर टनल में रास्ता बनाये जाने का काम भी शुरू किया गया है। वहीं. ग्लेशियर टूटने से आई जल प्रलय से ऋषि गंगा और तपोवन पावर प्रोजेक्ट में बह गए करीब दो सौ लोगो को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ खोजने में लगी है। अभी तक 32 शव बरामद हो चुके हैं, जिनमें दो पुलिस कर्मी भी शामिल है।

लापता लोगो में ज्यादातर यूपी से है इसलिए यूपी सरकार ने हरिद्वार में एक कंट्रोल रूम बनाया है, जहां मुख्यमंत्री योगी ने तीन मंत्रियों को नियुक्त किया है जोकि हालात पर नजर रखे हुए है और उत्तराखण्ड सरकार से कॉर्डिनेशन बनाये हुए है। तपोवन से आगे नीति घाटी को जाने वाली सड़क और पुलों की मरम्मत का काम बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने शुरू कर दिया है।

देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या मंगलवार को 28 तक पहुंच गई जबकि एनटीपीसी की क्षतिग्रस्त तपोवन-विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे ३0-35 लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल(एनडीआरएफ) , भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी)और राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ)का संयुक्त बचाव और राहत अभियान युद्धस्तर पर जारी रहा। रविवार को ऋषिगंगा घाटी में पहाड़ से गिरी लाखों मीट्रिक टन बर्फ के कारण ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ में अभी करीब 170 अन्य लोग लापता हैं ।

एसडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक 28 व्यक्तियों के शव विभिन्न एजेंसियों द्वारा अलग-अलग स्थानों से बरामद हो चुके हैं। एसडीआरएफ ने कहा कि उनके तलाशी दस्ते रैंणी, तपोवन, जोशीमठ, रतूडा, गौचर, कर्णप्रयाग, रूद्रप्रयाग क्षेत्रों में अलकनंदा नदी में शवों की तलाश कर रहे हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दायर याचिका पर वह फरवरी के अंतिम हफ्ते में सुनवाई करेगा। रावत ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच के राज्य के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा था कि रावत का पक्ष सुने बगैर इसे पारित किया गया।

दो पत्रकारों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जो रावत के कथित रिश्तेदारों के खाते में 2016 में धन स्थानांतरित करने से जुड़ा हुआ है। रावत उस वक्त भाजपा की झारखंड इकाई के प्रभारी थे और वहां ‘गौ सेवा आयोग’ के प्रमुख के तौर पर एक व्यक्ति की नियुक्ति के लिए कथित तौर पर इन पैसों का लेन-देन हुआ था। रावत ने इन आरोपों से इंकार किया है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर. एस. रेड्डी की पीठ इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इसमें पिछले वर्ष 27 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ रावत की याचिका भी शामिल है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख