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नई दिल्ली: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की दिशा के लिए याचिकाकर्ता द्वारा कोई प्रार्थना नहीं की गई थी और हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री को एक अवसर दिए बिना आदेश पारित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का फैसला चौंकाने वाला बताया। गौरतलब है कि रावत ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। मामला गौ सेवाआयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ आरोप गंभीर हैं और किसी भी तरह के संदेह दूर करने के लिए सीबीआई जांच ज़रूरी है।

देहरादून: उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले से असहज प्रदेश सरकार ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सरकार ने बुधवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने इसकी पुष्टि की है। पूरे मामले को लेकर भाजपा ने आरोपों को सिरे से नकार दिया है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद हैं। 

बुधवार को भाजपा मंडल प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन में हरिद्वार पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष भगत ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ईमानदार हैं और उनके नेतृत्व में सरकार पूरी पारदर्शिता से कार्य कर रही है। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री पर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों को सिद्ध नहीं कर सकता है। 

बता दें कि हाईकोर्ट ने मंगलवार को पत्रकार उमेश जे कुमार के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों को निरस्त करने का आदेश दिया था। साथ ही उमेश की याचिका में लगाए आरोपों के आधार पर सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश भी दिया था।

देहरादून: उत्तराखंड शासन ने हरिद्वार की तत्कालीन सिविल जज दीपाली शर्मा को बर्खास्त कर दिया है। शासन ने यह कार्रवाई उच्च न्यायालय नैनीताल की पूर्ण पीठ की सिफारिश पर की है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। 

सचिव न्याय प्रेम सिंह खिमाल ने न्यायिक सेवा की अधिकारी दीपाली शर्मा की सेवाएं समाप्त करने की पुष्टि की है। नैनीताल हाईकोर्ट की वेबसाइट पर भी आदेश की प्रति अपलोड कर दी गई है।

दीपाली शर्मा पर नाबालिग बालिका का शारीरिक एवं मानसिक शोषण करने का आरोप है। प्रदेश में किशोर न्याय अधिनियम के तहत किसी सरकारी अधिकारी की बर्खास्तगी का यह अपनी तरह का पहला मामला है।

देहरादून/मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र के बाद खड़े हुए विवाद के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोश्यारी को राज्य सरकार द्वारा उन्हें बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य से किराया भुगतान करने संबंधी आदेश का पालन नहीं करने का आरोप लगाने वाली अवमानना याचिका पर मंगलवार को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश शरद कुमार ने इस संबंध में याचिकाकर्ता के वकील द्वारा पेश की गईं दलीलों को सुनने के बाद कोश्यारी के अधिवक्ता के जरिए उन्हें यह नोटिस जारी किया।

देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन 'रूलक' द्वारा दायर अवमानना याचिका में पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी पर अदालत के आदेश का जानबूझकर अनुपालन नहीं करने' का आरोप लगाया गया है। तीन मई, 2019 को दिए अपने आदेश में अदालत ने उन्हें छह माह के भीतर बतौर पूर्व मुख्यमंत्री आवंटित आवास का बाजार मूल्य पर किराये का भुगतान करने को कहा था।

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