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देहरादून: उत्तराखंड के कद्दावर कांग्रेस नेता और राज्‍य के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वे हरिद्वार की धर्म संसद में नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों को दंडित करेंगे। रावत ने कहा कि वे हेट स्‍पीच मामले में तुरंत कार्रवाई करेंगे। उत्तराखंड राज्‍य में कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी मतभेद की रिपोर्टों को भी खारिज करते हुए हरीश रावत ने कहा, 'सोनिया जी और राहुल जी के नेतृत्‍व में हम एक हैं। मुझे विश्‍वास है कि हम विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे।'

हरक सिंह रावत से जुड़े सवाल पर उन्‍होंने कहा कि हरक ने अपनी गलती पर माफी मांगी है। गौरतलब है कि हरक सिंह रावत के बारे में दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 2016 में हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार से बगावत की थी। हरक के साथ उस बार के नौ विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे। हरक सिंह रावत को अब भाजपा और उत्तराखंड की पुष्‍कर सिंह धामी कैबिनेट से निष्कासित कर दिया गया है।

देहरादून: भाजपा ने 2016 में कांग्रेस से बगावत कर आए हरक सिंह रावत को पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया है। उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरक सिंह रावत को पार्टी और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की पुष्टि की है। उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

प्रदेश की सियासत में उठापटक के प्रतीक माने जाने वाले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस बार भाजपा के लिए किरकिरी का सबब बने हैं। नौ कांग्रेसी विधायकों के साथ हरक सिंह रावत 2016 में हरीश रावत का साथ छोड़ भाजपा में आने की वजह से चर्चा में आए थे। भाजपा ने न सिर्फ उन्हें कोटद्वार से टिकट देकर उम्मीदवार बनाया बल्कि कैबिनेट मंत्री से भी नवाजा। पूर्व मुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से उनके लगभग चार साल के कार्यकाल में हरक का छत्तीस का आंकड़ा बना रहा।

कर्मकार बोर्ड की अनियमितताओं और नियुक्तियों को लेकर वे त्रिवेंद्र से सीधे-सीधे टकराते रहे।

देहरादून: हरिद्वार में हाल ही में संपन्न ‘धर्म संसद’ में हुए कथित घृणा भाषण के संबंध में पुलिस ने बृहस्पतिवार को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में यह पहली गिरफ्तारी है। हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र रावत ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि रिजवी को रूड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया।

कुछ महीने पहले ही हिन्दू धर्म के साथ जितेंद्र नारायण त्यागी का नाम अपनाने वाले लखनऊ निवासी 52 वर्षीय रिजवी सहित कुल 10 लोगों के खिलाफ इस मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है। रिजवी पहले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं।

हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक आयोजित ‘धर्म संसद’ में हुए कथित घृणा भाषणों के संबंध में यह पहली गिरफ्तारी है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होंगी, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे की विवेचना पर निर्भर करेगा।

हरिद्वार: हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में दिए गए नफरती भाषण के मामले में उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद पर भी केस दर्ज़ कर लिया है। नरसिंहानंद ने धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण दिया था। नरसिंहानंद के अलावा भड़काऊ भाषण देने वाले सागर सिंधु महाराज को भी आरोपी बनाया गया है। हरिद्वार में नफ़रती भाषण देने वाले केस में 295 ए (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुंचाने या अपवित्र करने का मंतव्य) की धारा भी जोड़ी गई है।

हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने वाले मामले में अब तक कुल पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें यति नरसिंहानंद, वसीम रिज़वी उर्फ़ जितेंद्र त्यागी, अन्नपूर्णा, धर्मदास और सागर सिंधु महाराज शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि हरिद्वार में हुई धर्मसंसद में घृणा फैलाने वाले भाषणों पर कार्रवाई न करने को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी यह मुद्दा उठाया था।

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