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बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की विधानसभा सत्र के दौरान ही सोने को लेकर कई बार आलोचना हो चुकी है। इस बार फिर ऐसी ही घटना सामने आई है। एक बार फिर से मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोते नजर आए। इस बार वह कर्नाटक कांग्रेस महासचिव और पार्टी के प्रदेश प्रभारी वेणुगोपाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोते हुए कैमरे में कैद हो गए। बेंगलुरु में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। उस समय शीर्ष नेता वेणुगोपाल बोल रहे थे। इसी दौरान सिद्धरमैया सोते हुए नजर आए। अभी हाल में ही बेंगलुरु में चल रही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी सिद्धरमैया सोते हुए पाए गए थे। गौरतलब है कि सिद्धरमैया को ओएसए नामक नींद की बीमारी है। हालांकि इससे छुटकारा पाने के लिए मुख्यमंत्री योग भी करते हैं। इससे पहले पहले वह विधानसभा सत्र सहित कई आयोजनों पर सोते हुए देखे गए हैं।
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बेंगलुरु: वी नागराज उर्फ़ बम नागा और उसके दो बेटे गांधी और शास्त्री को बेंगलुरु पुलिस ने तमिलनाडु के अर्कोट से गुरुवार दोपहर गिरफ्तार कर लिया। ये तीनों पिछले तक़रीबन एक महीने से पुलिस को चकमा दे रहे थे। वी नागराज उर्फ़ बम नागा बेंगलुरु शहर के श्रीरामपुरा से कॉर्पोरेटर है और पिछले महीने यानी अप्रैल की 14 तारीख़ को पुलिस ने उसके घर पर छापा मारा था। नागराज तो पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा लेकिन जब उसके घर की तलाशी ली गई तो वहां बने होम थिएटर में पुलिस को कई गुप्त चैंबर मिले जिसको खोलने में पुलिस को घंटों लग गए। पेशेवर ताला खोलने वाले को बुलाया गया जिसने काफी मजबूत तालों को बड़े बड़े हथौड़ों की मदद से तोड़ा और फिर पुलिस की आंखें चुंधिया गईं। बड़े बड़े बक्सों में 500 और 1000 रुपये के नोटों का इतना बड़ा स्टॉक जमा था कि नोट गिनने वाली तीन मशीनों की मदद लेनी पड़ी और गिनती का काम 5 घंटे के आस-पास एक मजिस्ट्रेट के सामने चला। 14 करोड़ 80 लाख रुपये के पुराने यानी डिमोनेटाइज़्ड करेंसी नोट्स मिले थे। दरअसल एक अपहरण और फिरौती के मामले में पुलिस ने दबिश दी थी। बम नागा ने अपने घर के चारों तरफ तक़रीबन आधे किलोमीटर के दायरे में सीसीटीवी का जाल बिछाया हुआ था, यानी उसे दूर से ही पता चल जाता था कि कौन उसके मोहल्ले में आया है।
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बेंगलुरू: भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी एस येदियुरप्पा की कार्यशाली के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक रहे भाजपा नेता के एस ईश्वरप्पा ने आज (मंगलवार) केन्द्रीय नेतृत्व के आदेश को नजरअंदाज करते हुए ‘रयाना ब्रिगेड’ की क्रियाकलापों में भाग लेने का फैसला किया। ‘रयाना ब्रिगेड’ दलितों और पिछड़े वर्गों का ‘‘गैर राजनीतिक मंच’’ है जिसे ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ अपनी राजनीतिक जंग में परोक्ष रूप में अपनी शक्ति दिखाने के लिए बनाया है। ईश्वरप्पा ने आज कहा, ‘‘संगोली रयाना ब्रिगेड और संगोली रयाना युवा ब्रिगेड के पदाधिकारी आठ मई को रायचूर में बैठक करेंगे। तैयारी के कदम के रूप में कुछ नेता आज रायचूर में मिल रहे हैं.. मैं इस तैयारी बैठक में शामिल हो रहा हूं।’’
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बेंगलुरू: भाजपा की कर्नाटक इकाई में आज (गुरूवार) गुटबाजी उस समय बढ़ गई जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा की चेतावनी के बावजूद वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा ने पार्टी को ‘‘बचाने’’ के लिए एक सम्मेलन आयोजित किया। गतिरोध का माहौल उस समय बना जब ईश्वरप्पा के नेतृत्व में पार्टी के ‘असंतुष्ट’ नेताओं ने बैठक की। ईश्वरप्पा खुलेआम येदियुरप्पा की उनकी कामकाज की ‘‘एकपक्षीय’’ शैली की आलोचना कर चुके हैं और उनका कहना है कि ‘‘तानाशाही रवैया’’ काम नहीं करेगा। सम्मेलन को ‘‘पार्टी विरोधी क्रियाकलाप’’ बताते हुए येदियुरप्पा ने इसकी पटकथा लिखने के लिए राट्रीय संयुक्त महासचिव (संगठन) बी एल संतोष को जिम्मेदार ठहराया। स्थानीय कार्यकर्ताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ‘‘नजरअंदाज’’ करके पार्टी पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद येदियुरप्पा की कामकाज की ‘‘एकपक्षीय’’ शैली को लेकर पार्टी में असंतोष का माहौल है। कर्नाटक इकाई में दरार केन्द्रीय नेतृत्व के लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि नेतृत्व अगले वर्ष विधानसभा चुनावों में भाजपा को सत्ता में वापस लौटते हुए देखना चाहता है। दक्षिण में पहली बार सरकार बनाते हुए भाजपा ने 2008 से 2013 तक राज्य में शासन किया लेकिन गुटबाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच उसके एक के बाद एक तीन मुख्यमंत्रियों ने पद संभाला और नतीजा ये हुआ कि अगले चुनावों में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की।
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