बेंगलुरू: सामुदायिक सद्भाव के अपनी किस्म के अनोखे अंदाज में पहली बार, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्राचीन उडुपी श्रीकृष्ण मंदिर परिसर में रोजा खोला और एक सद्भभावना भोज में भी शिरकत की। मंदिर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। पेजावर मठ के प्रमुख श्री विश्वेशा तीर्थ स्वामीजी द्वारा शुक्रवार को मुख्य मंदिर परिसर के एकदम बाहर स्थित भोजनालय में आयोजित किए गए समारोह सौहार्द उपहार कूट (सद्भभावना भोज) में करीब 150 मुस्लिमों ने भाग लिया रोजा खोलने के बाद इन लोगों ने नमाज पढ़ी। स्वामीजी ने यह जानकारी दी। उन्होंने उडुपी से फोन पर बताया, हमारे मंदिर के इतिहास में पहली बार मुस्लिम भाइयों ने मंदिर परिसर के भोज कक्ष में रोजा खोला और नमाज पढ़ी। हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच शांति तथा समरसता पर जोर देते हुए विश्व हिंदू परिषद से जुड़े स्वामीजी ने कहा कि इस समारोह के आयोजन के पीछे उनका मुख्य मकसद सभी धर्मो के लोगों के बीच शांति और सद्भावना कायम करना था। उन्होंने कहा, लेकिन, यह कतई कोई बड़ी बात नहीं है। मैंने तो यह केवल एक छोटी सी सेवा की है। लोग इसे इतना बड़ा करके बता रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि उडुपी में हिंदुओं और मुस्लिमों के आपस में सद्भाव से रहने का लंबा इतिहास रहा है।
स्वामीजी ने बताया कि उन्होंने स्वयं मुस्लिम भाइयों को खजूर पेश किए और मंदिर के पुजारियों ने उन्हें केले, काजू, सेब और तरबूज परोसे।