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नई दिल्‍ली: कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री बीएस येदियुरप्‍पा ने शनिवार को दिल्‍ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में कर्नाटक में आई बाढ़ से संबंधि‍त मुद्दों के अलावा कर्नाटक में लंब‍ित कैब‍िनेट विस्‍तार पर बातचीत की गई। इसके साथ ही कर्नाटक में कैब‍िनेट विस्‍तार पर लगा डेडलॉक खत्‍म होने की संभावना है। बता दें कि येदियुरप्‍पा ने 26 जुलाई को कर्नाटक के सीएम पद की शपथ ली थी। तब से वह कैबिनेट का विस्‍तार नहीं कर पाए हैं। कैबिनेट विस्‍तार न होने के कारण उन्‍हें विपक्ष की आलोचना का भी शिकार होना पड़ा है।

शनिवार को उन्‍होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस बैठक में उन्‍होंने कर्नाटक की बाढ़ के बाद के हालात पर चर्चा की, लेकिन असली मुद्दा कर्नाटक में सरकार के विस्‍तार का था। अब 20 अगस्‍त को कर्नाटक विधानसभा में भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इसके बाद कर्नाटक सरकार में कैबिनेट का विस्‍तार हो जाएगा। बता दें कि इससे पहले करीब डेढ़ साल पुरानी कांग्रेस और जेडीएस की सरकार अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी। करीब डेढ़ दर्जन विधायकों ने सरकार से इस्‍तीफा दे दिया था।

बेंगलुरू: कर्नाटक में बाढ़ ग्रस्त गांवों का नाम राहत कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देने वाले दानदाताओं के नाम पर रखने की सरकार की पेशकश को लेकर कुछ वर्गों की आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि केवल नयी बस्तियों (लेआउट) का ही नाम बदला जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, 'स्पष्टीकरण: मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देने वाले दानदाताओं के नाम पर गांवों का नहीं बल्कि बस्तियों का नाम रखा जाएगा।'

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से मची तबाही के मद्देनजर बुधवार को उद्योगपतियों और कोरपोरेट के साथ बैठक में घोषणा की थी कि अगर कंपनियां 10 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि देती है तो उनके नाम पर गांवों के नाम रखे जाएंगे। उनकी इस घोषणा पर कुछ लोगों ने हैरानी जताई।

बेंगलुरु: कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की मंत्रिमंडल विस्तार में “देरी” के लिये आलोचना की और आरोप लगाया कि प्रशासनिक तंत्र ठप पड़ गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता ने यह जानना चाहा कि क्या राज्यपाल जिन्होंने पिछली सरकार को बहुमत साबित करने के लिये “पत्र के बाद पत्र” लिखे वह राज्य के ''एक व्यक्ति वाले मंत्रिमंडल में लोगों की पीड़ा नहीं देख रहे हैं, जो सूखे और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, “प्रशासनिक मशीनरी ठप पड़ गई है। यह लोकतंत्र है या तानाशाही?”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में हड़बड़ी दिखाने वाले येदियुरप्पा मंत्रिमंडल विस्तार के लिये भी ऐसी ही तेजी क्यों नहीं दिखा रहे? अलग-अलग इलाकों में सूखे और बाढ़ की वजह से राज्य के लोग परेशानी में हैं।” कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के गिरने के बाद भाजपा नेता येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित किया था। उन्होंने कहा कि सूखे और बाढ़ से निपटने का काम देखने वाले राजस्व, कृषि और ग्रामीण विकास विभाग में कोई मंत्री नहीं है।

बेंगलूरू: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वो राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि मैं राजनीति से संन्यास लेने की सोच रहा हूं। मैं गलती से राजनीति में आ गया था। मैं गलती से मुख्यमंत्री बन गया था। भगवान ने मुझे दो बार मुख्यमंत्री बनने का मौका दिया। उन्होंने आगे कहा कि मैं हर किसी को संतुष्ट नहीं कर सकता। 14 महीनों में मैंने राज्य के विकास की दिशा में अच्छा काम किया। मैं अपने काम से संतुष्ट हूं।

कुमारस्वामी ने आगे कहा, मैं देख रहा हूं कि आज की राजनीति कहां जा रही है। उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए सही नहीं है। मेरे परिवार को इसमें मत लाओ। बस बहुत हुआ अब और नहीं। मुझे चैन से जीने दो। मुझे राजनीति में नहीं रहना है। मैंने सत्ता में रहते हुए अच्छा किया। मुझे लोगों के दिल में जगह चाहिए।

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