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बेंगलुरु (जनादेश ब्यूरो): कर्नाटक विधानसभा में सोमवार को विश्वासमत साबित करने के फौरन बाद के.आर. रमेश ने विधानसभा स्पीकर पद से अपना इस्तीफा दे दिया। कुमार की तरफ से उनके उस फैसले के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर 14 बागी विधायकों को विधानसभा से अयोग्य करार दिया। अपने कार्यकाल में केआर रमेश ने कुल 17 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया है। ये सभी विधायक पिछले करीब दो हफ्ते से विधानसभा से इस्तीफा देने पर अड़े थे, जिसके चलते चौदह महीने पुरानी एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। आज सदन में बीएस येदियुरप्‍पा सरकार की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव को ध्‍वनि मत पारित करवाने के बाद केआर रमेश ने स्पीकर पद से अपना इस्तीफा डिप्टी स्पीकर के. रेड्डी को सौंप दिया।

गौरतलब है कि प्रदेश में सरकार के गठन से पहले भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यह तय कर चुका था कि अगर स्पीकर अपने पद से इस्तीफा नही देंगे, तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। स्पीकर ने विधानसभा में अपना इस्तीफा डिप्टी स्पीकर रेड्डी को देते हुए कहा- “अगर मेरी तरफ से कोई गलती हुई तो प्लीज मुझे माफ कर दें। मैं ऐसा मानता हूं कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। इसके साथ, मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।”

बेंगलुरु: कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट के बीच राज्‍य की कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर जाने के बाद बीएस येदियुरप्‍पा ने 26 जुलाई को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन उनके और भाजपा के लिए आज यानी 29 जुलाई का दिन काफी अहम था। कर्नाटक विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीएस येदियुरप्‍पा ने सदन में विश्‍वास मत पेश किया। इसके बाद इस पर कांग्रेस नेता सिद्धारमैया और पूर्व मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सिद्धारमैया ने विश्‍वास मत का विरोध किया। अंत में बीएस येदियुरप्‍पा सरकार की ओर से ध्‍वनि मत के जरिये बहुमत साबित कर दिया गया।

इससे पहले उन्होंने विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने कहा, "जब सिद्धारमैया और एच.डी. कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे, उन्होंने बदले की राजनीति नहीं की थी। उन्होंने कहा, प्रशासन नाकाम रहा, और हम उसे सही कर देंगे... मैं सदन को आश्वासन देता हूं कि हम भी बदले की राजनीति नहीं करेंगे... मैं 'भूल जाओ और माफ करो' में विश्वास करता हूं।" विश्‍वास मत पर चर्चा के दौरान कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी ने कहा कि मैंने 14 महीने सरकार चलाई। मैं आपके (येदियुरप्‍पा) सवालों का जवाब देने के लिए बाध्‍य नहीं हूं।

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से एक दिन पहले रविवार को मुख्मयंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बहुमत साबित करने का विश्वास जताया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार द्वारा तैयार किये वित्त विधेयक को भी बिना किसी परिवर्तन के वह सोमवार को सदन में पेश करेंगे। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सोमवार को सौ फीसदी मैं बहुमत साबित कर दूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को तत्काल पारित कराने की जरूरत है अन्यथा हम तनख्वाह भी देने के लिए धन नहीं ले पायेंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कल बहुमत साबित करने के बाद हम सबसे पहले इस वित्त विधेयक को हाथ में लेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने उसमें कॉमा या फुल स्टॉप तक नहीं बदला है। मैं पिछली कांग्रेस जदएस सरकार द्वारा तैयार इस विधेयक को पेश करूंगा।’’ शुक्रवार को मुख्यमंत्री का पदभार संभालने वाले येदियुरप्पा ने कहा था कि वह सोमवार को विश्वास मत हासिल करेंगे। कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस-जद(एस) के 14 और विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था जिसके साथ ही अयोग्य ठहराये गये विधायकों की संख्या अब 17 हो गयी है।

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस और जेडीएस के 14 बागी विधायकों को आयोग्य घोषित कर दिया है। आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सोमवार को बहुमत साबित करने का मौका दिया है। कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने मुझे कल (सोमवार को) विश्वास मत की निगरानी करने के लिए कहा है। वित्त विधेयक 31 जुलाई को समाप्त होगा। मैं सभी विधायकों से विश्वास प्रस्ताव के लिए सत्र के लिए उपस्थित होने की अपील करता हूं।

उन्होंने कहा कि ने कहा कि हम कहां तक ​​पहुंचे हैं? जिस तरह से स्थिति (कर्नाटक में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम) से एक वक्ता होने के नाते मुझ पर दबाव डाला जा रहा है। इन सभी चीजों ने मुझे अवसाद के समुद्र में धकेल दिया है। इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के दो दिन बाद कार्रवाई करते हुए गुरुवार को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अयोग्य घोषित किए जाने वाले विधायको में रमेश ए जरकीहोली, महेश कुमथल्ली और आर शंकर शामिल हैं।

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