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बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से एक दिन पहले रविवार को मुख्मयंत्री बी एस येदियुरप्पा ने बहुमत साबित करने का विश्वास जताया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार द्वारा तैयार किये वित्त विधेयक को भी बिना किसी परिवर्तन के वह सोमवार को सदन में पेश करेंगे। येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सोमवार को सौ फीसदी मैं बहुमत साबित कर दूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त विधेयक (विनियोग विधेयक) को तत्काल पारित कराने की जरूरत है अन्यथा हम तनख्वाह भी देने के लिए धन नहीं ले पायेंगे।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए कल बहुमत साबित करने के बाद हम सबसे पहले इस वित्त विधेयक को हाथ में लेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने उसमें कॉमा या फुल स्टॉप तक नहीं बदला है। मैं पिछली कांग्रेस जदएस सरकार द्वारा तैयार इस विधेयक को पेश करूंगा।’’ शुक्रवार को मुख्यमंत्री का पदभार संभालने वाले येदियुरप्पा ने कहा था कि वह सोमवार को विश्वास मत हासिल करेंगे। कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार ने रविवार को दल-बदल कानून के तहत कांग्रेस-जद(एस) के 14 और विधायकों को सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया था जिसके साथ ही अयोग्य ठहराये गये विधायकों की संख्या अब 17 हो गयी है।

बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कांग्रेस और जेडीएस के 14 बागी विधायकों को आयोग्य घोषित कर दिया है। आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को सोमवार को बहुमत साबित करने का मौका दिया है। कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने मुझे कल (सोमवार को) विश्वास मत की निगरानी करने के लिए कहा है। वित्त विधेयक 31 जुलाई को समाप्त होगा। मैं सभी विधायकों से विश्वास प्रस्ताव के लिए सत्र के लिए उपस्थित होने की अपील करता हूं।

उन्होंने कहा कि ने कहा कि हम कहां तक ​​पहुंचे हैं? जिस तरह से स्थिति (कर्नाटक में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम) से एक वक्ता होने के नाते मुझ पर दबाव डाला जा रहा है। इन सभी चीजों ने मुझे अवसाद के समुद्र में धकेल दिया है। इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के दो दिन बाद कार्रवाई करते हुए गुरुवार को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अयोग्य घोषित किए जाने वाले विधायको में रमेश ए जरकीहोली, महेश कुमथल्ली और आर शंकर शामिल हैं।

नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने जेडीएस के विधायकों द्वारा राज्य में बनी नई सरकार के समर्थन करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें कि उनकी पार्टी के एक विधायक जीटी देवगौड़ा ने कहा था कि भाजपा सरकार को जेडीएस के कुछ विधायक अपना समर्थन दे रहे हैं। देवगौड़ा के इस दावे पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया कि हमारी पार्टी के कुछ विधायकों द्वारा भाजपा की नई सरकार को समर्थन देने की बात इन दिनों चर्चाओं में है। मैं आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि इस तरह की कोई भी बात पूरी तरह से आधारहीन है। हम कर्नाटक की जनता के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और यह आगे भी जारी रहेगी।

वहीं, एचडी कुमारस्वामी के पिता एचडी देवगौड़ा ने कहा कि हम राज्य में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने जा रहे हैं। एक क्षेत्रिय दल होने के नाते हमें अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से निभानी है। मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार गिरने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

बंगलुरु: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में भाजपा की सरकार "संवैधानिक या नैतिक तरीके" से नहीं बनी है। सिद्धारमैया ने इसे "खरीद-फरोख्त की जीत" करार दिया। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने भाजपा पर सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के दफ्तर का "दुरुपयोग" करने का आरोप लगाया। उन्होंने बंगलूरू में संवाददाताओं से कहा, "येदियुरप्पा राज्यपाल के पद का दुरुपयोग करके शपथ ले रहे हैं, यह संविधान के खिलाफ हैं, हालांकि उनके पास बहुमत नहीं है।"

समीकरण की व्याख्या करते हुए, उन्होंने कहा कि तीन विधायकों की अयोग्यता के बाद विधानसभा में संख्याबल 221 थी और इसका आधा 111 होता है। हालांकि, भाजपा के पास केवल 105 हैं। यह कहते हुए कि भाजपा को 111 विधायकों की सूची देनी है, सिद्धारमैया ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि मुंबई में कैंप कर रहे बागी विधायकों के नाम नहीं दिए जा सकते क्योंकि वे कांग्रेस और जद (एस) के थे। सिद्धारमैया ने पूछा, "यह (भाजपा की) संवैधानिक या नैतिक रूप से गठित सरकार नहीं है। तब वे (भाजपा) बहुमत साबित कैसे करेंगे?

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