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बेंगलुरु: राज्यपाल से मिलने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि आज शाम 6 बजे सीएम पद की शपथ लूंगा। इससे पहले पार्टी के खिलाफ बगावती सुर अपनाते हुए शुक्रवार की सुबह राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्यपाल से मिलने से पहले बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करने जा रहे हैं और उनसे यह अनुरोध करेंगे कि आज ही शपथ ग्रहण आयोजित करें।

इससे पहले, येदियुरप्पा ने बेंगलुरू में आरएसएस कार्यालय में जाकर प्रमुख नेताओँ से मुलाकात की थी। उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह सरकार बनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन, पार्टी फिलहाल सरकार को लेकर किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती थी। भाजपा चाहती थी कि पहले बागी विधायकों पर स्पीकर का फैसला हो जाए।

इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के दो दिन बाद कार्रवाई करते हुए गुरुवार को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अयोग्य घोषित किए जाने वाले विधायको में रमेश ए जरकीहोली, महेश कुमथल्ली और आर शंकर शामिल हैं।

नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश ने एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के दो दिन बाद कार्रवाई करते हुए गुरुवार को तीन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अयोग्य घोषित किए जाने वाले विधायको में रमेश ए जरकीहोली, महेश कुमथल्ली और आर शंकर शामिल हैं।

कोर्ट का भरोसा बरकरार रखूंगा

इससे पहले, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कहा कि वह अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करेंगे और सुप्रीम कोर्ट ने जो भरोसा उनमें दिखाया है उसे वह बरकरार रखेंगे। कुमार को बागी विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसला करना है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों को उनके समक्ष उपस्थित होने का अब और मौका नहीं मिलेगा और अब यह अध्याय बंद हो चुका है। उन्होंने कहा, ''कानून सबके लिये समान है। चाहे वह मजदूर हो या भारत का राष्ट्रपति। कुमार ने कहा, ''हां--अदालत ने (इस्तीफे पर फैसला करने को) मेरे विवेक पर छोड़ा है। मेरे पास विवेकाधिकार है। मैं उसी अनुसार काम करूंगा और सुप्रीम कोर्ट ने मुझमें जो भरोसा दिखाया है उसे बरकरार रखूंगा।

बंगलूरू: एचडी कुमारस्वामी ने बतौर मुख्यमंत्री जाते-जाते भूमिहीन मजदूरों से किया वादा निभाते हुए अपने आखिरी आदेश पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने राज्य के उन मजदूरों का कर्ज माफ कर दिया जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जोत वाली भूमि या जिनकी आय एक लाख रुपये से कम है। हालांकि कितना कर्ज माफ करना है इसे लेकर कोई सीमा तय नहीं की गई है। कुमास्वामी ने बुधवार को कहा कि उन्होंने मंगलवार को अपने आखिरी आदेश पर हस्ताक्षर किए। इसके कुछ ही घंटों बाद विश्वास मत पर चार दिनों तक चली बहस के बाद जब वोटिंग हुई तो उनकी सरकार छह वोटों से गिर गई।

कुमारस्वामी से राज्यपाल ने नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर कार्य करने और उन्हें भूमिहीन-मजदूरों की कर्जमाफी जैसे कोई भी बड़े नीतिगत फैसले लेने से रोक दिया गया है। सत्ता चले जाने के एक दिन बाद बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने संतोष व्यक्त किया कि वह अपने कार्यकाल के दौरान कुछ अहम निर्णय ले पाए। जिसमें भूमिहीन मजदूरों के लिए ऋण माफी, जिसे निजी धन उधारदाताओं से भी लिया गया हो शामिल है।

बेंगलुरु: कर्नाटक में गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने बुधवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दोनों दलों में इसे लेकर अभी बातचीत होनी है। कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 महीने पुरानी कांग्रेस-जद(एस) सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद इस्तीफा दे दिया। पार्टी कार्यालय में जद(एस) की बैठक से पहले कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने आज अपने विधायकों को भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बुलाया है। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता अपनी पार्टी को बढ़ाना, कर्नाटक की जनता का विश्वास जीतना और इस मोड़ से कैसे आगे बढ़ा जाए, यह है। हम इस पर चर्चा करेंगे।’’

कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘देखते हैं...मुझे नहीं पता। भविष्य को लेकर मुझे कांग्रेस नेताओं का रुख पता नहीं है.... हमने अभी तक कोई चर्चा नहीं की है।’’ जद(एस) सुप्रीमो एच. डी. देवगौड़ा और उनके बेटे तथा जद(एस) विधायी दल के नेता एवं प्रदेश पार्टी प्रमुख कुमारस्वामी भी पार्टी विधायकों की बैठक में थे।

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