बेंगलुरु: कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा की मंत्रिमंडल विस्तार में “देरी” के लिये आलोचना की और आरोप लगाया कि प्रशासनिक तंत्र ठप पड़ गया है। कांग्रेस विधायक दल के नेता ने यह जानना चाहा कि क्या राज्यपाल जिन्होंने पिछली सरकार को बहुमत साबित करने के लिये “पत्र के बाद पत्र” लिखे वह राज्य के ''एक व्यक्ति वाले मंत्रिमंडल में लोगों की पीड़ा नहीं देख रहे हैं, जो सूखे और बाढ़ की मार झेल रहे हैं। सिद्धरमैया ने ट्वीट किया, “प्रशासनिक मशीनरी ठप पड़ गई है। यह लोकतंत्र है या तानाशाही?”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने में हड़बड़ी दिखाने वाले येदियुरप्पा मंत्रिमंडल विस्तार के लिये भी ऐसी ही तेजी क्यों नहीं दिखा रहे? अलग-अलग इलाकों में सूखे और बाढ़ की वजह से राज्य के लोग परेशानी में हैं।” कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार के गिरने के बाद भाजपा नेता येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और 29 जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित किया था। उन्होंने कहा कि सूखे और बाढ़ से निपटने का काम देखने वाले राजस्व, कृषि और ग्रामीण विकास विभाग में कोई मंत्री नहीं है।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने भी मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर सवाल उठाए हैं। राव ने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री को शपथ लिये आठ दिन हो गए और मंत्री परिषद का अब तक गठन नहीं हुआ तथा ऐसी संभावनाएं भी नहीं दिखतीं। ऐसा लगता है कि येदियुरप्पा अगले कुछ और दिनों तक शासन पर एकाधिकार रखना चाहते हैं।”
मंत्रिमंडल गठन के लिये विपक्ष द्वारा की जा रही आलोचना और सत्ताधारी खेमे के दबाव के बीच येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि वह अगले हफ्ते अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय नेतृत्व से इस पर चर्चा करेंगे। प्रदेश भाजपा के सर्वोच्च सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में पांच-छह दिन का समय लग सकता है क्योंकि मुख्यमंत्री को केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद ही इस पर काम होगा।