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नई दिल्ली: कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने रविवार को तारीखें घोषित कर दी हैं। विधानसभा की 15 सीटों के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 9 दिसंबर को मतगणना होगा। चुनाव के लिए तारीखों के एलान के बाद से राज्य में सोमवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी साथ में सोमवार से ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। चुनाव आयोग ने नामांकन का आखिरी तारीख 18 नवंर तय की है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार के मुताबिक जिन 15 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है कि वहां 37 लाख 50 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। इसमें 19.12 लाख पुरुष वोटर है जबकि 18.37 लाख महिला मतदाता हैं। वहीं अन्य वर्ग के 399 वोटर वोटिंग करेंगे।

बता दें कर्नाटक में 17 विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के बाद 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराया जा रहा है। इससे पहले इन 15 सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होना था लेकिन 17 विधायकों को अयोग्य करार का मामला कोर्ट में होने की वजह से चुनाव आयोग ने इसे 5 दिसंबर तक के लिए टाल दिया था।

नई दिल्ली: कर्नाटक के अयोग्य विधायकों ने राज्य विधानसभा की सीटों के लिये पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव स्थगित करने के वास्ते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कांग्रेस-जद(एस) के 17 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी। अयोग्य घोषित विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि विधानसभा की सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव होने हैं और उम्मीदवारों को 11 से 18 नवंबर के दौरान नामांकन पत्र दाखिल करने हैं।

उन्होंने कहा कि अयोग्य घोषित किये गये विधायक इसमें नामांकन पत्र दाखिल नहीं कर सकेंगे और वैसे भी इस मामले में अभी तक शीर्ष अदालत ने फैसला नहीं दिया है। रोहतगी ने अयोग्यता को चुनौती देने वाले विधायकों की याचिकाओं पर शीर्ष अदालत का निर्णय आने तक उपचुनाव स्थगित करने का अनुरोध किया। शीर्ष अदालत ने विधायकों के वकील से कहा कि वह इस संबंध में नया आवेदन दाखिल करें।

नई दिल्ली: कर्नाटक कांग्रेस ने विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले की सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय से सोमवार को अनुरोध किया कि वह उस ताजा ऑडियो क्लिप को रिकॉर्ड में ले जिसमें मुख्यमंत्री येदियुरप्पा कथित तौर पर बागी विधायकों का जिक्र कर रहे हैं। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि कर्नाटक कांग्रेस की ओर से दी गई ताजा सामग्री पर विचार करने के लिए पीठ के गठन के बारे में वह प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई से बात करेंगे।

बीते शुक्रवार को येदियुरप्पा की वह कथित ऑडियो क्लिप सामने आई थी जिसमें वह पार्टी के उन नेताओं के प्रति नाराजगी जता रहे थे जो अयोग्य ठहराए गए कांग्रेस-जद (एस) के विधायकों को पांच दिसंबर को 15 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव के लिए टिकट देने का विरोध कर रहे थे। यह क्लिप हुबली में पार्टी की बैठक की है। उक्त ऑडियो में वह कथित तौर पर कह रहे हैं कि बागी विधायकों को गठबंधन सरकार के अंतिम दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की निगरानी में मुंबई में रखा गया था।

नई दिल्ली: कनार्टक के मुख्यमंत्री बी एस येद्दियुरप्पा ने एक आडियो क्लिप के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की कांग्रेस की मांग पर रविवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह की मांग करना कांग्रेस की बेवकूफी है। उन्होंने कहा कि 17 विधायकों के इस्तीफे के लिए कांग्रेस शाह को जिम्मेदार ठहरा रही है और इस बात के लिए शाह से इस्तीफे की मांग मूर्खता है। येद्दियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा,“विधायकों के इस्तीफे के लिए शाह जिम्मेदार नहीं है जिनकी वजह से राज्य में जनता दल-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी। इन विधायकों ने खुद ही इस्तीफा दिया था और उन्होंने अपना भविष्य भी खुद ही तय किया था।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कोर समिति की बैठक में उन्होंने जो बातें कही थीं, उनका गलत मतलब निकाला जा रहा है और कांग्रेस इस पूरे मामले का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है तथा यह मसला उच्चतम न्यायालय में ठहर नहीं पाएगा। विपक्षी दल के नेता सिद्दारामैया पर तंज कसते हुए येद्दियुरप्पा ने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी समझ नहीं है और एक वकील होकर भी वह बिना किसी जानकारी के इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

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