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बंगलूरू (जनादेश ब्यूरो): कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान खत्म हो गया है। इन 15 सीटों पर कुल 66.25 फीसदी मतदान हुआ। मतदान केंद्रों पर सुबह मतदान करने वालों में के आर पुरम से भाजपा उम्मीदवार बैराठी बसवराज, महालक्ष्मी लेआउट से पार्टी उम्मीदवार गोपालैयाह, यशवंतपुरा से उम्मीदवार एस टी सोमाशेखर शामिल हैं। उपचुनाव की सीटों के चुनाव परिणाम से मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के भविष्य का फैसला होगा कि सरकार बचेगी या जाएगी। सरकार की सलामती के लिए भाजपा को उपचुनाव में कम से कम छह सीट पर जीत हासिल करनी होगी। चुनाव परिणाम नौ दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।​

मतदान के बाद एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ भाजपा को कम से कम आठ सीट पर जीत का अनुमान लगाया गया है। वहीं दूसरी और कांग्रेस और जेडीएस ने उपचुनाव अलग अलग लड़ा है। लेकिन भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए एक बार फिर दोनों साथ आने के संकेत दिये जा चुके हैं। कांग्रेस और जदएस के 17 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद 225 सदस्यीय विधानसभा की मौजूदा संख्या 208 है।

बेंगलुरु: कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को हो रहा उपचुनाव राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की किस्मत तय करेगा। हालांकि, राजनीतिक दलों को उपचुनाव में कम मतदान होने की संभावना है। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है। हालांकि, अब भी मास्की और आरआर नगर सीटें रिक्त रहेंगी।

कुल 37.78 लाख मतदाता देंगे वोट

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान के लिए योग्य हैं। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए हो रहे हैं। इन विधायकों में कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ।

बंगलूरू: महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने के बाद कांग्रेस की नजर अब कर्नाटक उपचुनाव पर है। कर्नाटक में कांग्रेस ने रविवार को संकेत दिया है कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिला सकती है। कांग्रेस ने कहा कि वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है। वहीं जेडीएस के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है, लेकिन जेडीएस संस्थापक एचडी देवगौड़ा के रविवार को दिए गए विरोधाभासी बयान से लगता है कि इस मुद्दे पर क्षेत्रीय दलों के भीतर स्पष्ट रूख नहीं है।

इस संबंध में देवगौड़ा ने रविवार को कहा, सरकार क्यों गिरेगी...येदियुरप्पा के पास 105 विधायक हैं। उन्होंने कहा, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस साथ आएंगे यह एक सवाल है, लेकिन हमारे साथ जुड़ने के बारे मीडिया में पूर्व में आयी खबरें गलत हुई थीं। हमें उससे ज्ञान प्राप्त हुआ है, इसलिए हम ऐसा दोबारा नहीं करेंगे।

बंगलूरू: सुप्रीम कोर्ट से उपचुनाव लड़ने की राहत मिलने के बाद गुरुवार को 17 बागी विधायकों में से 15 भाजपा में शामिल हो गए हैं। कर्नाटक पार्टी मुख्यालय में आयोजित समारोह के दौरान इन्हें भाजपा की सदस्यता दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा व प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि पांच दिसंबर को 15 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा इन पूर्व विधायकों को फिर से टिकट दे सकती है। दो सीटों (मस्की और राजराजेश्वरी विधानसभा) पर चुनाव इसलिए नहीं हो रहे हैं क्योंकि इनसे संबंधित याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं।

बता दें कि बुधवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शीर्ष कोर्ट द्वारा बागी विधायकों को उपचुनाव लड़ने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया। येदियुरप्पा ने भरोसा जताया कि भाजपा पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सभी 15 सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, शीर्ष कोर्ट का फैसला पूर्व स्पीकर और सिद्धरमैया की साजिश के खिलाफ आया है। इस फैसले पर अयोग्य घोषित बागी विधायकों ने भी खुशी जताई। जेडीएस से विधायक एएच विश्वनाथ ने कहा, यह फैसला हमारे लिए बहुत जरूरी है। हम इसका स्वागत करते हैं।

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