बेंगलुरु: मनीलांड्रिंग मामले में जमानत मिलने के बाद दिल्ली से बेंगलुरू लौटने पर जेडीएस का झंडा पकड़ने को लेकर कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार को उनकी पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना झेलनी पड़ी है। शिवकुमार को ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद थे। वह शनिवार को यहां लौटे। वापसी पर उनका जोरदार स्वागत हुआ, जहां उनका इंतजार कांग्रेस नेताओं के अलावा जेडीएस के लोग भी कर रहे थे। वह जब फूलों से सजी गाड़ी में जुलूस में चल रहे थे उसी दौरान जद(एस) कार्यकर्ता ने कांग्रेस नेता को अपनी पार्टी का झंडा दिया जिसे उन्होंने स्वीकार किया, कुछ देर लहराया और फिर उसे कार्यकर्ता को वापस कर दिया।
घटना का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यहां तक की सोशल मीडिया में एक और वीडियो चल रहा है जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सिद्धरमैया निजी बातचीत में शिवकुमार की आलोचना कर रहे हैं। वीडियो में सिद्धरमैया यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि भाजपा का समर्थन करने वाला लिंगायत समुदाय अब समुदाय के प्रतिष्ठित नेता और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से अलग हो रहा है, वहीं वोक्कालिगा समुदाय जद(एस) और एच डी कुमारस्वामी से दूरी बना रहा है।
जेडीएस का झंडा पकड़ने की घटना पर अपना बचाव करते हुए शिवकुमार ने कहा, ''...मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझे तमाम तरीके के झंडे देते हैं.. लोग कन्नड़ झंडे भी देते हैं। सभी तरह के लोग मुझसे मिलने आते हैं। अभी भी जद(एस) के तीन विधायक मुझसे मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं। क्या मैं उनसे कह सकता हूं कि वे मत आएं?
शिवकुमार ने कहा कि झंडा पकड़ना कोई बहुत बड़ी बात नहीं है क्योंकि वह 'जन्मजात कांग्रेसी हैं।उन्होंने स्पष्टीकरण दिया, ''मैं सीधे कांग्रेस कार्यालय आया जो मेरे लिए मंदिर है। सिद्धरमैया ने उनके निजी संवाद का वीडियो सार्वजनिक करने को शरारत बताया। वहीं, शिवकुमार ने कहा कि सिद्धरमैया उनसे बहुत प्यार करते हैं।