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बेंगलुरु: कर्नाटक की सियासत में इन दिनों एक ऑडियो क्लिप ने बवाल मचा दिया है। ये क्लिप मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की है जो बुधवार को भाजपा कोर समिति की हुबली में हुई बैठक में रिकॉर्ड की गई है। इसमें येदियुरप्पा कहते सुने जा सकते है कि जेडीएस कांग्रेस के बागी विधायकों को मुंबई में पार्टी आलाकमान यानी अमित शाह की मर्ज़ी से रखा गया था और अपनी पार्टी के नेताओं को वो सलाह देते नज़र आ रहे है कि सभी को बाग़ियों के साथ खड़ा होना चाहिए जिनकी वजह से भाजपा सत्ता में आई।

मोबाइल से रिकॉर्ड की गई 7 मिनट की इस क्लिप में येदियुरप्पा कह रहे हैं कि कोई भी मेरी सरकार को मजबूती देने का काम नहीं कर रहा है। ये सरकार हम लोगों को विधानसभा से निष्काषित विधायकों ने तोहफे में दी है। बागी विधायकों को मुंबई में रखने का फैसला मेरा नहीं था, बल्कि पार्टी आलाकमान की इजाज़त से उन्हें ढाई महीने तक वहां रखा गया। येदियुरप्पा ने इस टेप में अपनी आवाज़ होने से इंकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं से कुछ खास मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि जो लोग जिम्मेदार कार्यकर्ता हैं, उन्हें इस तरह से (विद्रोही विधायकों के बारे में) नहीं बोलना चाहिए। पार्टी के हित में उन्हें सभी का समर्थन करना चाहिए। येदियुरप्पा ने कहा, ''3, 4, 5 नवंबर को आने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अन्य चीजें तय की जाएंगी।”

अपनी सरकार गिरने से खार खाए बैठे एच डी कुमारस्वमी ने इस क्लिप के सामने आने के बाद फौरन प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, पहले से भी एक क्लिप कोर्ट के सामने हैं। अब मैं इसे भी सबूत के तौर पर पेश करूंगा।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने इस संबंध में ट्वीट किया, ''बीएस येदियुरप्पा ने फिर अपने ऑपरेशन कमल और अनैतिक रूप से कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की बात को स्वीकार किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से खुलासा किया है कि अमित शाह ने मुंबई में 2.5 महीने के लिए दलबदलुओं को रखा था। क्या इससे भी बड़े प्रमाण की जरूरत है कि इस पूरे ऑपरेशन के पीछे भाजपा मास्टरमाइंड है।''

गुंडु ने कहा, ''हम अमित शाह और येदियुरप्पा का इस्तीफा चाहते हैं। हम राज्यपाल से मिलेंगे। अब तो ये भी साफ हो गया है कि कुमारस्वामी सरकार ऑपरेशन कमल के तहत गिराई गई।''

बता दें भाजपा शुरू से कहती आई है कि कुमारस्वामी सरकार को गिराने की साजिश से उसका कुछ लेना देना नहीं है। लेकिन इस क्लिप ने भाजपा के दावे की धज्जियां उड़ा दी हैं। विपक्ष को येदियुरप्पा सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।

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