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बेंगलूरू: कर्नाटक में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में 15 में से 12 सीटें जीत कर विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। कांग्रेस को केवल दो सीटें मिली हैं। एक सीट पर निर्दलीय उम्‍मीदवार जीता है। इस उपचुनाव में जनता दल- सेक्‍यूलर एक भी सीट नहीं हासिल कर सका। इस जीत के साथ 223 सदस्‍यीय सदन में भाजपा विधायकों की संख्‍या 117 हो गयी है। उसे एक निर्दलीय सदस्‍य का समर्थन भी हासिल है। इस तरह अब उसके पास सदन में पूर्ण बहुमत से भी अधिक सीटें हो गयीं हैं। सदन में कांग्रेस के 68 और जनता दल सेक्‍यूलर के 34 विधायक हैं।

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्‍मेदारी लेते हुए विधायक दल के नेता पद से इस्‍तीफा दे दिया है। दिनेश गुंडुराव ने भी प्रदेश पार्टी अध्‍यक्ष पद से त्‍यागपत्र दे दिया है।

मुख्‍यमंत्री बी एस येदियुरप्‍पा ने राज्‍य में स्‍थायी सरकार के लिए वोट देने के वास्‍ते लोगों को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि वे राज्‍य के विकास के लिए प्रयास जारी रखेंगे।

बेंगलूरू: कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने कर्नाटक उपचुनाव के नतीजों पर कहा कि हमें इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाताओं के जनादेश से सहमत होना होगा। लोगों ने दलबदलुओं को स्वीकार कर लिया है। हमने हार स्वीकार कर ली है, मुझे नहीं लगता कि हमें निराश होना पड़ेगा। आपको बता दें कि 15 सीटों के उपचुनाव के रुझानों में बीजेपी 12 सीटों पर आगे चल रही है। कनार्टक के 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है और शुरुआती रुझानों में भाजपा आगे चल रही है।

उपचुनाव के नतीजे दक्षिणी राज्य में चार महीने पुरानी भारतीय जनता पार्टी की येदियुरप्पा सरकार के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सत्तारूढ़ दल को कम से कम सात सीटों पर जीत की जरूरत है, ताकि उसके पास 223 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम साधारण बहुमत 112 हो सके। आज 15 सीटों पर चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि चार महीने पुरानी बी. एस. येदियुरप्पा सरकार का भाग्य तय करेंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के पास बहुमत की कमी है। भाजपा को कम से कम सात सीटें जीतनी होगी, जिससे सदन में उसका बहुमत बरकरार रहे। भाजपा के पास वर्तमान में 105 विधायक है, जिसमें एक निर्दलीय विधायक भी शामिल है।

बेंगलूरू: कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर हुए उप-चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है। अभी तक के आए रुझान में भाजपा 10 और कांग्रेस-जेडीएस 2 सीटों पर आगे चल रही है। यह नतीजे कर्नाटक में भाजपा सरकार की किस्मत को तय करेगा। इन सीटों पर पांच दिसम्बर को चुनाव हुआ था जिसमें 67.91 प्रतिशत मतदान हुआ था। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से खाली हुई सीटों को भरने के लिये कराये गये थे। इन विधायकों में कांग्रेस और जद(एस) के बागी नेता शामिल थे।

इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) सरकार गिर गई थी और बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। इस समय भाजपा के पास 105 विधायक (एक निर्दलीय समेत) हैं, कांग्रेस के 66 और जद (एस) के 34 विधायक हैं। इनके अलावा बसपा का एक सदस्य है, एक मनोनीत विधायक है और अध्यक्ष हैं। भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए 16 में से 13 अयोग्य विधायकों को उनके संबंधित क्षेत्रों से टिकट दिया है। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और जद (एस) के टिकटों पर जीत हासिल की थी।

बेंगलूरू: कर्नाटक में 15 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना कल सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले 808 डाक से भेजे गए मतपत्रों की गणना की जाएगी। कांग्रेस और जनता दल सेक्‍युलर के 15 विधायको के अयोग्‍य घोषित होने और इस्‍तीफे के बाद इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उप-चुनाव हुए थे। विधानसभा अध्‍यक्ष सहित सत्‍तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 105 सदस्‍य हैं और एकमात्र निर्दलीय विधायक इसका समर्थन कर रहा है। भाजपा को साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटों की जरूरत है। कुल 165 उम्‍मीदवारों ने इस उप-चुनाव में अपना भाग्‍य आजमाया था। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने 15-15 उम्‍मीदवार खड़े किए थे जबकि जनता दल सेक्‍युलर ने 12 उम्‍मीदवार खड़े किए थे। बृहस्‍पतिवार को हुए उप-चुनाव में 67.91 प्रतिशत मतदान हुआ था।

तय होगा येदियुरप्पा सरकार का भविष्य 

चार महीने पुरानी बीएस येदियुरप्पा सरकार का भविष्य सोमवार को तय होगा, जब 15 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आएंगे। इन सीटों पर पांच दिसंबर को वोट डाले गए थे। वोटों की गिनती सुबह आठ बजे शुरू होगी और दोपहर तक सभी सीटों के नतीजे आने की संभावना है।

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