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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

मंगलुरु: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन और अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निष्क्रिय करने के एनडीए सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर वापस जाने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। रक्षा मंत्री ने कर्नाटक के मंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए 1990 के दशक में आतंकवाद के चरम पर रहने के दौरान घाटी से बड़ी संख्या में हुए कश्मीरी पंडितों के विस्थापन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब कोई भी ताकत उन्हें उनके घरों में लौटने से नहीं रोक सकती।

पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी को छूएंगे नहीं, लेकिन यदि हमें कोई परेशान करता है तो हम उसे शांति से रहने भी नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने नेहरू से पाकिस्तान में हिंदुओं, सिखों जैसे अल्पसंख्यकों के भारत आने पर उन्हें नागरिकता देने को कहा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी सोच को पूरा किया। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के संबंध में उन्होंने कहा कि यह किसी भी धर्म की भावनाएं आहत करने का कानून नहीं है, बल्कि यह धार्मिक उत्पीड़न के शिकार लोगों को राहत प्रदान करने के लिए है।

बेंगलुरु: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारतीय संस्कृति और परंपरा का “ध्वजवाहक” बताया। वेदांत भारती द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में अपने भाषण में शाह ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी भारतीय संस्कृति और परंपरा के ध्वजवाहक के रूप में दुनिया भर का दौरा कर रहे हैं।’’ अपनी बात को साबित करने के लिए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री की शपथ लेने से पहले वाराणसी में गंगा में डुबकी लगायी और गंगा आरती में शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में भारत सरकार की ओर से विशेष प्रार्थना के लिए लाल चंदन भेजा। शाह ने धर्मनिरपक्षेता की गलत व्याख्या करने और देश की श्रेष्ठ चीजों का सम्मान करने से रोकने को लेकर पिछली सरकारों की आलोचना भी की । उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लंबे समयांतराल के बाद हमारे पास ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो संदेश देते हैं कि दुनिया को देने के लिए हमारे पास काफी चीजें हैं।’’

नई दिल्ली: जनता दल (सेक्युलर) नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रविवार को उन चर्चाओं को खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि वे राज्यसभा चुनाव लड़ सकते हैं। देवगौड़ा ने मीडिया से कहा कि मैं राज्यसभा जाने का इच्छुक नहीं हूं। मेरी चिंता पार्टी को और मजबूत करने में है। मैंने पहले ही कहा था कि मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा। कर्नाटक में जून महीने में चार राज्यसभा की सीटें खाली होने जा रही हैं। अभी इन दोनों से सांसद कांग्रेस के राजीव गौड़ा और बीके हरी प्रसाद हैं। वहीं, एक अन्य सीट से भाजपा के प्रभाकर कोरे और जेडीएस के डी कुपेंद्र रेड्डी सांसद हैं।

पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सप्ताह में पहले कहा था कि यह गौड़ा के लिए संसद में फिर से प्रवेश करने का अवसर था। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि देवगौड़ा के लिए राज्यसभा जाने का यह अच्छा अवसर है। पार्टी के प्रवक्ता तनवीर अहमद उल्लाह ने हाल ही में जेडी(एस) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि उन्होंने पूर्व पीएम से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था, 'देवगौड़ा जी के लिए ज्यादा वोट जुटाने में कोई दिक्कत भी नहीं आएगी। सभी दल उनका सम्मान करते हैं। कर्नाटक को केंद्र में एक मजबूत आवाज की जरूरत है।'

बंगलूरू: चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि अदालतों के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) प्रणाली विकसित होनी चाहिए ताकि न्याय मिलने में देरी को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने अदालतों में लंबित केसों को देखते हुए मुकदमे से पूर्व मध्यस्थता को समय की जरूरत बताया। जस्टिस बोबडे ने बंगलूरू में शनिवार को न्यायिक अधिकारियों की19वीं द्विवार्षिक राज्य स्तरीय कांफ्रेंस को संबोधित किया। चीफ जस्टिस ने कहा, अदालतों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि न्याय में किसी तरह की देरी न हो। न्याय में देरी किसी के कानून हाथ में लेने का कारण नहीं बन सकता। हमारे पास कोर्ट प्रणाली के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विकसित करने की संभावना है। हालांकि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कभी भी जज की जगह नहीं ले सकती। हम इसके कार्यान्वयन की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

इससे पहले, चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने शनिवार को बंगलूरू में कर्नाटक न्यायिक अकादमी की नई भवन का उद्घाटन किया। इस भवन को दो चरणों में बनाया जाना है। अभी पहले चरण का काम पूरा हुआ है। बंगलूरू के क्रेसेंट रोड पर स्थित इस नई इमारत में तीन मंजिलें हैं।

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