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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव और नेता विपक्ष सिद्धरमैया समेत पार्टी के विभिन्न नेताओं को शनिवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय का घेराव करने के लिये जाते समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कांग्रेस नेता राज्य की भाजपा सरकार द्वारा पुलिस के कथित दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। राव और बेंगलुरु (ग्रामीण) से सांसद डी के सुरेश ने पुलिस द्वारा उन्हें रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को पार करने की कोशिश की और मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने लगे, लेकिन उन्हें बीच में ही रोककर हिरासत में ले लिया गया। विरोध मार्च रेस कोर्स रोड पर गांधी प्रतिमा से शुरू हुआ था और इसके कारण जाम लग गया।

राज्य कांग्रेस ने सीएए और एनआरसी के संबंध में एक नाटक के दौरान कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपत्तिजनक रूप से दिखाए जाने के लिये बीदर के एक स्कूल के विरुद्ध राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने और स्कूल की प्रधानाध्यापक तथा एक छात्रा के परिजन को गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किया था।

बेंगलुरु: बेंगलुरु में तलाकशुदा एक आईपीएस दंपत्ति का विवाद तब खुलकर सामने आया गया जब एक एसपी अपने बच्चों से मिलने की जिद को लेकर पूर्व पत्नी के निवास पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद पूर्व पत्नी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस बुला ली। कलबुर्गी अंदरूनी सुरक्षा संभाग में पुलिस अधीक्षक अरूण रंगराजन शनिवार की देर शाम सादे कपड़े में वसंत नगर में अपनी तलाकशुदा पत्नी के घर पहुंच गए। घर पहुंचने के बाद पत्नी पर बच्चों से नहीं मिलने देने का आरोप लगाते हुए वहां धरने पर बैठ गए।

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के इस धरने से विवाद खड़ा हो गया। आम लोग और मीडियाकर्मी वहां पहुंच गए। रंगराजन की पूर्व पत्नी और उप महाकमांडेंट (होमगार्ड) इलक्किया करूणागरन ने यह शिकायत करते हुए पुलिस बुला ली कि वह उनसे झगड़ा कर रहे हैं। पुलिस दुविधा में फंस गई कि कैसे इस मामले को निपटाया जाए क्योंकि रंगराजन एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। पुलिस ने उनसे वहां से चले जाने का अनुरोध किया। इस पर रंगराजन ने सवाल किया, क्या मैं यहां हंगामा कर रहा हूं? मैं बस यहां बैठा हूं।

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े एक बार फिर से विवादित बयानब के चलते चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर विवादित बयान दिया। उन्होंने महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन को ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि ऐसे लोगों को भारत में महात्मा क्यों कहा जाता। उन्होंने बेंगलुरु में एक जनसभा में ये बातें कहीं। हेगड़े ने कहा कि 'पूरे स्वतंत्रता आंदोलन का मंचन अंग्रेजों की सहमति व समर्थन से हुआ। इनमें से कोई भी कथित नेता अंग्रेजों द्वारा एक बार भी मारा पीटा नहीं गया। उनका स्वतंत्रता आंदोलन सिर्फ एक बड़ा ड्रामा था। ये एक समझौता था।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की भूख हड़ताल और सत्याग्रह सिर्फ एक ड्रामा था कोई जायज लड़ाई नहीं। कांग्रेस का समर्थन करने वाले कहते हैं कि भारत को सत्याग्रह को भूख हड़ताल के चलते आजादी मिली। ये सच नहीं है। अंग्रेजों ने सत्याग्रह के कारण भारत नहीं छोड़ा था। बल्कि अंग्रेजों ने तंग आकर हमें आजादी दे दी थी। मैं जब इतिहास पढ़ता हूं तो मेरा खून खौल उठता है। ऐसे लोग देश में महात्मा बनकर बैठे हैं।

नई दिल्ली: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को शुक्रवार (31 जनवरी) को प्रदेश में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिल गई है और मंत्रिपरिषद में 11 मंत्रियों को शामिल किए जाने की संभावाना है। येदियुरप्पा ने बताया कि अगले एक दो दिन में शपथ ग्रहण की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी। उन्होंने हालांकि संकेत दिया कि तीन फरवरी को शपथ ग्रहण हो सकता है। मौजूदा समय में राज्य मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री समेत 18 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में अधिकतम 34 सदस्य हो सकते हैं और फिलहाल इसमें 16 लोगों को शामिल किए जाने की गुंजाइश है।

येदियुरप्पा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हमारे अधिकतर सुझावों को स्वीकार कर लिया है। अगर कोई मतभेद है तो हम बेंगलुरु में इस पर चर्चा करेंगे और अंतिम रूप दे देंगे।" उन्होंने बताया कि एक या दो को छोड़कर जद (एस), कांग्रेस के अयोग्य करार दिए गए अधिकतर विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा जो भाजपा के टिकट पर दोबारा निर्वाचित हुए हैं।

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