बंगलूरू: महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनाने के बाद कांग्रेस की नजर अब कर्नाटक उपचुनाव पर है। कर्नाटक में कांग्रेस ने रविवार को संकेत दिया है कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिला सकती है। कांग्रेस ने कहा कि वह एक बार फिर जेडीएस के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है। वहीं जेडीएस के नेता पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि पार्टी ऐसी संभावना के लिए तैयार है, लेकिन जेडीएस संस्थापक एचडी देवगौड़ा के रविवार को दिए गए विरोधाभासी बयान से लगता है कि इस मुद्दे पर क्षेत्रीय दलों के भीतर स्पष्ट रूख नहीं है।
इस संबंध में देवगौड़ा ने रविवार को कहा, सरकार क्यों गिरेगी...येदियुरप्पा के पास 105 विधायक हैं। उन्होंने कहा, सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस साथ आएंगे यह एक सवाल है, लेकिन हमारे साथ जुड़ने के बारे मीडिया में पूर्व में आयी खबरें गलत हुई थीं। हमें उससे ज्ञान प्राप्त हुआ है, इसलिए हम ऐसा दोबारा नहीं करेंगे।
दूसरी तरफ, उपचुनाव के बाद राज्य में राजनीतिक बदलाव के बारे में अपना दावा दोहराते हुए कुमारस्वामी ने रविवार को कहा कि यह कोई अतिशयोक्ति वाला बयान नहीं है और इस बारे में कोई संदेह नहीं होना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या उपचुनाव के बाद वह किंगमेकर होंगे, उन्होंने कहा, इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर किंगमेकर हैं, मैं नहीं। जिन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहा है उसमें 12 पर कांग्रेस का कब्जा था और तीन सीटें जद (एस) के पास थीं।
गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी हैं और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, 17 विधायकों की बगावत के बाद गत जुलाई में एचडी कुमारस्वामी सरकार गिरने के पश्चात दोनों पार्टियां अलग हो गई थीं और दोनों अलग-अलग उपचुनाव लड़ रही हैं। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत में बने रहने के लिए 15 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है। इसके बाद भी सदन में दो सीटें मास्की और आर आर नगर रिक्त रहेंगी।
येदियुरप्पा ने संकेतों को किया खारिज
वहीं, उपचुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस के हाथ मिलाने के संकेतों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि इस तरह की बातचीत का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी 15 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवारों की जीत होगी। लोग उन्हें जवाब देंगे। नतीजे आने के बाद, कांग्रेस और जेडीएस को समझ आएगा कि लोग हमारे (भाजपा) साथ हैं।
शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र में प्रचार के दौरान यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें सौ प्रतिशत यकीन है कि भाजपा के उम्मीदवार सभी 15 सीटों पर उपचुनाव जीतेंगे। उपचुनाव के लिए प्रचार मंगलवार को समाप्त होगा। ऐसे में राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस और जेडीएस संकेत दे रहे हैं कि उपचुनाव के बाद वे सरकार बनाने के लिए साथ आ सकते हैं, येदियुरप्पा ने कहा, ऐसी बातचीत का कोई महत्व नहीं है। जिन्हें समझ नहीं है, वे ऐसी चीजों पर बातें कर रहे हैं और इसका कोई महत्व नहीं है।येदियुरप्पा ने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता सिद्धरमैया सत्ता में आने और मुख्यमंत्री बनने के दिन में सपने देख रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा जब स्थिति पैदा होगी तो जरूरी कदम उठाएंगे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा संविधान, लोकतंत्र की रक्षा और धर्म निरपेक्ष सिद्धांतों के साथ सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए जब स्थिति पैदा होगी, ऐसे मामलों पर हम अपने सहयोगियों और संप्रग भागीदारों के साथ चर्चा के बाद जरूरी कदम उठाएंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा देखते हैं भविष्य में क्या होता है। फिलहाल हमारा ध्यान 15 सीटें जीतने पर है। जो भी होगा हम आपको बता देंगे। हम नौ दिसंबर को सही तस्वीर बताएंगे। हम आपको अच्छी खबर देंगे।
खड़गे महाराष्ट्र के लिये कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हैं, जहां पर पार्टी ने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना और राकांपा के साथ गठबंधन करके सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पड़ोसी राज्य में ऐसा फैसला लोकतंत्र की रक्षा के लिए किया। उन्होंने कहा, आपको हकीकत बताऊं, हमारी अध्यक्ष सोनिया गांधी इसके पक्ष में नहीं थीं और चाहती थीं कि हम विपक्ष में रहें, लेकिन प्रगतिशील सोच वाले लोगों, दलों ने हमें भाजपा को सत्ता से बाहर रखने पर ध्यान देने को कहा।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने भी कहा कि अगर हालात पैदा होते हैं तो कांग्रेस और जेडीएस के साथ आने की संभावना है और इस बारे में विचार और फैसला आलाकमान करेगा। उन्होंने कहा, नौ दिसंबर को नतीजे आने के बाद अगर कांग्रेस को ज्यादा और भाजपा को कम सीटें मिलती हैं, तो सरकार गिर जाएगी। इसके बाद हमारे पास दो विकल्प होंगे। एक सरकार नहीं बनाना और बाहर रहना, दूसरा फिर से जेडीएस के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने का।
उन्होंने कहा, साथ आने की संभावना है... क्या हम तुरंत मध्यावधि चुनाव का सामना करने की स्थिति में हैं? क्या हमें लोगों पर एक और चुनाव का बोझ डालना चाहिए। जेडीएस संस्थापक एच डी देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी ने भी कहा था कि उपचुनाव के बाद राज्य में स्थिर सरकार होगी, हालांकि जरूरी नहीं है कि यह भाजपा की हो। उन्होंने मीडियाकर्मियों से नौ दिसंबर को उपचुनाव के नतीजों तक इंतजार करने को कहा था।