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नई दिल्ली: कर्नाटक के एक स्कूल में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में छात्रों को कथित रूप से नाटक की अनुमति देने के मामले में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। इस नाटक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित रूप से गलत छवि पेश की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने बृहस्पतिवार (20 फरवरी) को यह याचिका दायर की है। याचिका में बीदर जिले के शाहीन स्कूल के प्रधानाचार्य और दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राष्ट्रद्रोह) और धारा 153-ए (विभिन्न समूहों में कटुता पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। याचिका में राष्ट्रद्रोह के कानून का सरकार द्वारा कथित दुरुपयोग किए जाने से निबटने के लिये उचित व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। भयाना ने अपनी याचिका में स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और अन्य के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह का मामला निरस्त करने का केन्द्र और कर्नाटक सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

बेंगलुरू: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित एक रैली में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली युवती अमूल्या पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की प्रतिक्रिया आई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अमूल्या का नक्सलियों से संबंध है और उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि समुचित सजा मिलनी चाहिए। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित रैली में मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवती अमूल्या लियोन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बेंगलुरु में सीएए विरोधी रैली में पाकिस्तान जिंदाबादा का नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उसके पिता ने भी कहा है कि वह उसे प्रोटेक्ट नहीं करेंगे। अब यह साबित हो गया कि उसका नक्सलियों से संपर्क था। उसे उचित सजा मिलनी चाहिए।

बेंगलूरू: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोना के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। अमूल्या को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पिता ने बयान पर जताई नाराजगी

अमूल्या के बयान की उनके पिता ने भी आलोचना की है। अमूल्या की नारेबाजी पर उसके पिता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अमूल्या ने जो कहा, उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। अमूल्या के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने एंटी सीएए रैली में जो किया, वह बिल्कुल गलत था। उसने जो कहा वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कई बार उनसे कहा कि वे मुसलमानों से न जुड़ें, उसने नहीं सुना। मैंने उसे कई बार भड़काऊ बयान नहीं देने के लिए कहा है लेकिन उसने नहीं सुना। बता दें कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों के चेहरे का रंग उस समय उड़ गया जब कार्यक्रम में शामिल अमूल्या नामक महिला ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। 

बेंगलुरु: बेंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जारी प्रदर्शन के दौरान एक युवती ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया, जिसके बाद हंगामे जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस विरोध प्रदर्शन में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे। ओवैसी ने घटना की निंदा की। युवती की पहचान अमूल्या के नाम से हुई है। वह मंच पर चढ़कर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए देखी गई। इसके बाद मंच पर मौजूद लोगों ने उससे माइक छीनने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस को भी बीच में आना पड़ा और अमूल्या को मंच से हटाया गया।

घटना के बाद मंच से लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वह युवती का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे (अमूल्या) न तो मेरा कोई संबंध है और न ही मेरी पार्टी का। आयोजकों को उसे यहां नहीं बुलाना चाहिए था। ओवैसी ने कहा, 'अगर मुझे यह पता होता तो मैं यहां नहीं आता। हमारे लिए भारत जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा। हम अपने दुश्मन देश पाकिस्तान का समर्थन नहीं करते हैं।' इस घटना पर आयोजकों का कहना है कि युवती को स्पीकर की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था।

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