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बेंगलूरू: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के मंच से ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोना के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है। अमूल्या को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पिता ने बयान पर जताई नाराजगी

अमूल्या के बयान की उनके पिता ने भी आलोचना की है। अमूल्या की नारेबाजी पर उसके पिता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अमूल्या ने जो कहा, उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। अमूल्या के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने एंटी सीएए रैली में जो किया, वह बिल्कुल गलत था। उसने जो कहा वह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कई बार उनसे कहा कि वे मुसलमानों से न जुड़ें, उसने नहीं सुना। मैंने उसे कई बार भड़काऊ बयान नहीं देने के लिए कहा है लेकिन उसने नहीं सुना। बता दें कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित कार्यक्रम के आयोजकों के चेहरे का रंग उस समय उड़ गया जब कार्यक्रम में शामिल अमूल्या नामक महिला ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। 

बेंगलुरु: बेंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), एनआरसी और एनपीआर के विरोध में जारी प्रदर्शन के दौरान एक युवती ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाया, जिसके बाद हंगामे जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस विरोध प्रदर्शन में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी मौजूद थे। ओवैसी ने घटना की निंदा की। युवती की पहचान अमूल्या के नाम से हुई है। वह मंच पर चढ़कर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए देखी गई। इसके बाद मंच पर मौजूद लोगों ने उससे माइक छीनने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस को भी बीच में आना पड़ा और अमूल्या को मंच से हटाया गया।

घटना के बाद मंच से लोगों को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि वह युवती का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे (अमूल्या) न तो मेरा कोई संबंध है और न ही मेरी पार्टी का। आयोजकों को उसे यहां नहीं बुलाना चाहिए था। ओवैसी ने कहा, 'अगर मुझे यह पता होता तो मैं यहां नहीं आता। हमारे लिए भारत जिंदाबाद था और जिंदाबाद रहेगा। हम अपने दुश्मन देश पाकिस्तान का समर्थन नहीं करते हैं।' इस घटना पर आयोजकों का कहना है कि युवती को स्पीकर की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था।

बेंगलुरु: कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव और नेता विपक्ष सिद्धरमैया समेत पार्टी के विभिन्न नेताओं को शनिवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के कार्यालय का घेराव करने के लिये जाते समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कांग्रेस नेता राज्य की भाजपा सरकार द्वारा पुलिस के कथित दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। राव और बेंगलुरु (ग्रामीण) से सांसद डी के सुरेश ने पुलिस द्वारा उन्हें रोकने के लिए लगाए गए अवरोधकों को पार करने की कोशिश की और मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने लगे, लेकिन उन्हें बीच में ही रोककर हिरासत में ले लिया गया। विरोध मार्च रेस कोर्स रोड पर गांधी प्रतिमा से शुरू हुआ था और इसके कारण जाम लग गया।

राज्य कांग्रेस ने सीएए और एनआरसी के संबंध में एक नाटक के दौरान कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपत्तिजनक रूप से दिखाए जाने के लिये बीदर के एक स्कूल के विरुद्ध राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किये जाने और स्कूल की प्रधानाध्यापक तथा एक छात्रा के परिजन को गिरफ्तार किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित किया था।

बेंगलुरु: बेंगलुरु में तलाकशुदा एक आईपीएस दंपत्ति का विवाद तब खुलकर सामने आया गया जब एक एसपी अपने बच्चों से मिलने की जिद को लेकर पूर्व पत्नी के निवास पर धरने पर बैठ गए। इसके बाद पूर्व पत्नी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस बुला ली। कलबुर्गी अंदरूनी सुरक्षा संभाग में पुलिस अधीक्षक अरूण रंगराजन शनिवार की देर शाम सादे कपड़े में वसंत नगर में अपनी तलाकशुदा पत्नी के घर पहुंच गए। घर पहुंचने के बाद पत्नी पर बच्चों से नहीं मिलने देने का आरोप लगाते हुए वहां धरने पर बैठ गए।

भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी के इस धरने से विवाद खड़ा हो गया। आम लोग और मीडियाकर्मी वहां पहुंच गए। रंगराजन की पूर्व पत्नी और उप महाकमांडेंट (होमगार्ड) इलक्किया करूणागरन ने यह शिकायत करते हुए पुलिस बुला ली कि वह उनसे झगड़ा कर रहे हैं। पुलिस दुविधा में फंस गई कि कैसे इस मामले को निपटाया जाए क्योंकि रंगराजन एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। पुलिस ने उनसे वहां से चले जाने का अनुरोध किया। इस पर रंगराजन ने सवाल किया, क्या मैं यहां हंगामा कर रहा हूं? मैं बस यहां बैठा हूं।

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