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बेंगलुरु: कर्नाटक के बीदर के एक स्कूल टीचर, छात्रा की मां और स्कूल प्रबंधक के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने पर वहां की निचली अदालत ने आपत्ति जताई है। न्यायालय ने कहा है कि पहली नजर में यह मामला देशद्रोह का नहीं है। अगर पुलिस को लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि इससे खराब हुई है तो मामला प्रधानमंत्री की तरफ से दर्ज होना चाहिए. जज ने स्कूल प्रबंधक को अग्रिम जमानत दे दी है। बीदर की अदालत ने न सिर्फ स्कूल के प्रबंधक बल्कि इसके प्राचार्य और उस पत्रकार को भी अग्रिम जमानत दे दी जिनके खिलाफ देशद्रोह का मामला बीदर पुलिस ने दर्ज किया था। स्कूल में हुए एक नाटक में कथित रूप से एक छोटी बच्ची ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द का इस्तेमाल किया था।

अदालत ने अग्रिम जमानत देने के साथ-साथ देशद्रोह का मामला दर्ज करने पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने साफ कहा कि पहली नज़र में यह देशद्रोह का मामला नहीं लगता। स्कूल प्रबंधन के वकील बीटी वेंकटेश ने कहा कि कोर्ट ने साफ कर दिया है कि स्कूल के मैनेजमेंट के खिलाफ देशद्रोह का मामला नहीं बनता। यही कानून और सोच स्कूल की महिला शिक्षक और छात्रा की मां पर भी लागू होगा।

बेंगलुरू: कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जरकीहोली ने अठानी से विधायक महेश कुमाथल्ली को कैबिनेट में जगह नहीं देने पर मंत्री पद और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की धमकी दी है। उन्होंने कहा यदि कुमाथल्ली को न्याय नहीं मिलता है तो इस्तीफा दे देंगे। जरकीहोली और कुमाथल्ली उन 17 बागी कांग्रेस और जेडी(एस) विधायकों में से हैं, जिन्होंने एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार गिराने और राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।

बागियों का दावा है कि भाजपा नेतृत्व ने उनसे मंत्री पद देने का वादा किया था लेकिन कुमाथल्ली को दिसंबर 2019 में हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने के बावजूद मंत्री नहीं बनाया गया है। तब से, वह लगातार भाजपा को अपना "वचन धर्म" की याद दिला रहे हैं। जरकीहोली ने संवाददाताओं से कहा, "कुछ चीजें खुलेआम नहीं कही जाती है। महेश कुमाथल्ली ने राज्य में भाजपा की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी, उन्हें अच्छा पद मिलना चाहिए। हम उनके साथ अन्याय नहीं होने देंगे।"

नई दिल्ली: कर्नाटक के एक स्कूल में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में छात्रों को कथित रूप से नाटक की अनुमति देने के मामले में स्कूल प्रबंधन के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। इस नाटक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथित रूप से गलत छवि पेश की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने बृहस्पतिवार (20 फरवरी) को यह याचिका दायर की है। याचिका में बीदर जिले के शाहीन स्कूल के प्रधानाचार्य और दूसरे कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।

इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124-ए (राष्ट्रद्रोह) और धारा 153-ए (विभिन्न समूहों में कटुता पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। याचिका में राष्ट्रद्रोह के कानून का सरकार द्वारा कथित दुरुपयोग किए जाने से निबटने के लिये उचित व्यवस्था करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। भयाना ने अपनी याचिका में स्कूल प्रबंधन, शिक्षकों और अन्य के खिलाफ दर्ज राष्ट्रद्रोह का मामला निरस्त करने का केन्द्र और कर्नाटक सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

बेंगलुरू: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित एक रैली में एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाने वाली युवती अमूल्या पर मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की प्रतिक्रिया आई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अमूल्या का नक्सलियों से संबंध है और उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए, बल्कि समुचित सजा मिलनी चाहिए। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित रैली में मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवती अमूल्या लियोन के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि बेंगलुरु में सीएए विरोधी रैली में पाकिस्तान जिंदाबादा का नारा लगाने वाली लड़की अमूल्या को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उसके पिता ने भी कहा है कि वह उसे प्रोटेक्ट नहीं करेंगे। अब यह साबित हो गया कि उसका नक्सलियों से संपर्क था। उसे उचित सजा मिलनी चाहिए।

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