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बेंगलुरु: कोरोना का अंधकार मिटाने की पीएम मोदी की आज यानी 5 अप्रैल की रात नौ बजे दीया, मोमबत्ती जलाने की अपील को लेकर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के संदर्भ में दीपक-मोमबत्ती जलाने की जो अपील की है वह भाजपा का 'छिपा हुआ एजेंडा'है।

कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को चुनौती दी कि वह अपनी अपील के लिए एक विश्वसनीय वैज्ञानिक और तर्कसंगत स्पष्टीकरण दें।

जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, 'क्या प्रधानमंत्री ने देश को भाजपा के स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर मोमबत्ती जलाने के लिए कहा है? छह अप्रैल इसका स्थापना दिवस है, इस आयोजन के लिए इस तारीख और समय चुनने को और क्या समझा जा सकता है? मैं प्रधानमंत्री को चुनौती देता हूं कि वह एक विश्वसनीय वैज्ञानिक और तर्कसंगत स्पष्टीकरण दें।' कुमारस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय संकट को आत्म अभ्युदय के लिए इस्तेमाल करना शर्मनाक है और वैश्विक विपत्ति की स्थिति में अपनी पार्टी के छिपे हुए एजेंडे को आगे बढ़ाना शर्मनाक है।

तुमकुर: कर्नाटक के तुमकुर में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमित 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी। राज्य में इस बीमारी से यह तीसरी मौत है। लेकिन सबसे अधिक परेशान करने वाली बात जिले के एक अधिकारी ने बताया है। अधिकारी के अनुसार इस व्यक्ति ने विदेश यात्रा नहीं की थी। मृतक ज्ञात रूप से किसी संक्रमित से मिला भी नहीं था। हालांकि 5 मार्च को वो संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दिल्ली गया था और 11 मार्च को वापस आया था। 7 मार्च को दिल्ली निजामुद्दीन स्टेशन पर पहुंचने के बाद उसने जामा मस्जिद में एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था।

मृतक में 18 मार्च को कोविड-19 के लक्षण पहली बार देखे गए जिसके बाद उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां उन्हें दवाइयां देकर घर वापस भेजा दिया गया। लेकिन बाद में उसकी हालत बिगड़ गयी जिसके बाद उसे 23 मार्च को, जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन फिर उसने अपना इलाज एक निजी अस्पताल में करवाना शुरु कर दिया। जिसके बाद हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां आज सुबह करीब 10.30 बजे उनका निधन हो गया। गौरतलब है कि कोरोना वायरस से कर्नाटक में यह तीसरी मौत है।

मेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी जिले के 56 वर्षीय एक व्यक्ति ने इस आशंका के चलते जान दे दी कि उसे कोरोना वायरस के एक संक्रमित के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी हो गई है। व्यक्ति उडुपी तालुक के उपूर गांव का रहने वाला था। सूत्रों ने बताया कि उसे संक्रमण के कोई खास लक्षण नहीं थे। वह देर रात दो बजे तक जागा था और उसने परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। बुधवार को पांच बजे जब परिवार वाले जागे तो वह घर के निकट एक पेड़ से लटका मिला।

घर से मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह जान दे रहा है क्योंकि उसे ऐसा संदेह है कि उसे संक्रमण हो गया है। इसमें परिवार के सदस्यों से कहा गया है कि वे सुरक्षित रहें। स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने अपने एक दोस्त से कहा था कि उसे ऐसा लगता है कि वह संक्रमित है। वह डरा हुआ भी था। पुलिस के मुताबिक, संभवत: इसी डर से उसने यह कदम उठाया।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन करने से बाज नही आ रहे हैं। घरों से लगातार बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई करने से परहेज नहीं कर रही है। कर्नाटक के बेलगाम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। लॉकडाउन का उल्लंघन कर कई लोग मस्जिद में नमाज के लिए पहुंच गए। स्थानीय पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नमाज के बाद मस्जिद से निकलते समय डंडे से पिटाई की। आपको बता दे किं लॉकडाउन के दौरान मंदिर-मस्जिद में भी जाना प्रतिबंधित है।

बहुत जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग। इसलिए लोगों का घरों में रहना बेहद जरूरी है। इसके बावजूद कई लोग ऐसे भी हैं जो बंदी का उल्लंघन कर घरों से बाहर निकल रहे हैं।

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