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मेंगलुरु: कर्नाटक के उडुपी जिले के 56 वर्षीय एक व्यक्ति ने इस आशंका के चलते जान दे दी कि उसे कोरोना वायरस के एक संक्रमित के संपर्क में आने के बाद यह बीमारी हो गई है। व्यक्ति उडुपी तालुक के उपूर गांव का रहने वाला था। सूत्रों ने बताया कि उसे संक्रमण के कोई खास लक्षण नहीं थे। वह देर रात दो बजे तक जागा था और उसने परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। बुधवार को पांच बजे जब परिवार वाले जागे तो वह घर के निकट एक पेड़ से लटका मिला।

घर से मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह जान दे रहा है क्योंकि उसे ऐसा संदेह है कि उसे संक्रमण हो गया है। इसमें परिवार के सदस्यों से कहा गया है कि वे सुरक्षित रहें। स्थानीय लोगों ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने अपने एक दोस्त से कहा था कि उसे ऐसा लगता है कि वह संक्रमित है। वह डरा हुआ भी था। पुलिस के मुताबिक, संभवत: इसी डर से उसने यह कदम उठाया।

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है। इसके बावजूद कुछ लोग इसका उल्लंघन करने से बाज नही आ रहे हैं। घरों से लगातार बाहर निकल रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई करने से परहेज नहीं कर रही है। कर्नाटक के बेलगाम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है। लॉकडाउन का उल्लंघन कर कई लोग मस्जिद में नमाज के लिए पहुंच गए। स्थानीय पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नमाज के बाद मस्जिद से निकलते समय डंडे से पिटाई की। आपको बता दे किं लॉकडाउन के दौरान मंदिर-मस्जिद में भी जाना प्रतिबंधित है।

बहुत जरूरी है सोशल डिस्टेंसिंग

स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि कोरोना से बचने का एकमात्र उपाय है सोशल डिस्टेंसिंग। इसलिए लोगों का घरों में रहना बेहद जरूरी है। इसके बावजूद कई लोग ऐसे भी हैं जो बंदी का उल्लंघन कर घरों से बाहर निकल रहे हैं।

बेंगलुरु: कनार्टक में चिक्काबल्लापुर जिले की गौरीबिदानुर निवासी एक महिला की बुधवार को यहां अस्पताल में मौत हो गई। 75 वर्षी यह महिला हाल में मक्का की यात्रा से लौटी थी और कोरोना वायरस की जांच में उसकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीरामुलू ने अपने ट्वीट में इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पॉजिटिव पीड़ित महिला हृदय संबंधी अन्य बीमारियों से ग्रसित थी। उसके कूल्हे में भी फ्रैक्चर था जिसका इलाज चल रहा था। लैब से सभी रिपोर्ट मिलने के बाद उसकी मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।

बता दें कि देश में कोरोना संक्रमण से मौत का पहला मामला कनार्टक में ही सामने आया था। गत 12 मार्च को कलबुर्गी में एक 76 वषीर्य व्यक्ति की मौत हो गई थी। यह व्यक्ति भी मक्का की यात्रा से लौटा था। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या अब 605 हो गई है। 42 मरीजों को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि देश में 10 मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा 553 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछले 24 घंटे में देश में कुल कोरोना के 87 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना पर मंत्रियों के समूहों के साथ बुधवार को उच्चस्तरीय बैठक की।

बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर निर्णय लेने वाली अपनी सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की रविवार से शुरू होने वाली वार्षिक बैठक स्थगित कर दी है। आरएसएस की 15 से 17 मार्च तक होने वाली इस बैठक में करीब 1,500 सदस्यों को भाग लेना था। आरएसएस सरकार्यवाह सुरेश जोशी ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘महामारी कोविड-19 की गंभीरता तथा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशा निर्देश एवं परामर्शों को देखते हुए बेंगलुरु में होने वाली एबीपीएस की बैठक को स्थगित कर दिया गया है।’’

उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से जनता के बीच जागरूकता फैलाने तथा इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामने करने के लिए प्रशासन के साथ सहयोग करने को कहा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, अध्यक्षों और विहिप, एबीवीपी तथा भारतीय मजदूर संघ जैसे 35 परिवार संगठनों के अन्य राज्य पदाधिकारियों को बैठक में भाग लेना था।

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