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बंगलूरू: चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि अदालतों के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) प्रणाली विकसित होनी चाहिए ताकि न्याय मिलने में देरी को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने अदालतों में लंबित केसों को देखते हुए मुकदमे से पूर्व मध्यस्थता को समय की जरूरत बताया। जस्टिस बोबडे ने बंगलूरू में शनिवार को न्यायिक अधिकारियों की19वीं द्विवार्षिक राज्य स्तरीय कांफ्रेंस को संबोधित किया। चीफ जस्टिस ने कहा, अदालतों के लिए यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि न्याय में किसी तरह की देरी न हो। न्याय में देरी किसी के कानून हाथ में लेने का कारण नहीं बन सकता। हमारे पास कोर्ट प्रणाली के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विकसित करने की संभावना है। हालांकि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कभी भी जज की जगह नहीं ले सकती। हम इसके कार्यान्वयन की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

इससे पहले, चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने शनिवार को बंगलूरू में कर्नाटक न्यायिक अकादमी की नई भवन का उद्घाटन किया। इस भवन को दो चरणों में बनाया जाना है। अभी पहले चरण का काम पूरा हुआ है। बंगलूरू के क्रेसेंट रोड पर स्थित इस नई इमारत में तीन मंजिलें हैं।

वहीं, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बहुआयामी सभागार का उद्घाटन किया। इस दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका ने जस्टिस बोबडे का स्वागत किया। हाईकोर्ट के जज और अकादमी के अध्यक्ष जस्टिस रवि मालीमाथ ने कहा कि अकादमी ने अब तक 4000 से ज्यादा न्यायिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है, जो न्यायपालिका के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दे रही है।

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