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अहमदाबाद: इस साल के अंत में होने जा रहे गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ेगी। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह जानकारी दी, जिनका मानना है कि मोदी के गृहराज्य में होने जा रहा चुनाव ‘प्रतिष्ठा का सवाल’ है। पार्टी राज्य विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का जोखिम नहीं उठा सकती है क्योंकि मोदी की देशभर में लोकप्रियता का आधार ही ‘गुजरात का विकास मॉडल’ है और इसी के चलते देश के मतदाताओं ने उन्हें वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री के पद पर बैठाया है। मोदी के प्रधानमंत्री बनने और उनके करीबी अमित शाह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के चलते राज्य में भाजपा के पास कोई ऐसा जननेता नहीं रह गया है जो गुजरात फतह के अभियान का नेतृत्व कर सके। राज्य में हाल में पार्टी को पटेल आरक्षण आंदोलन, उना में दलितों की पिटाई का मामला और लगातार तीन वर्षों तक बरसात की कमी के चलते कृषि संबंधी संकट जैसे कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा। गुजरात में भाजपा बीते 22 वर्षों से सत्ता में काबिज है ऐसे में उसे सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे लिए राष्ट्रीय चेहरा हैं. 2017 विधानसभा चुनाव में पार्टी उनके बल पर ही चुनाव में उतरेगी।’ मोदी और शाह के बाद अब राज्य स्तर का कोई जननेता ऐसा नहीं है जो भाजपा को विजय रथ पर सवार करवा सके।

मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए तीन चुनाव (2002, 2007, 2012) में से भाजपा की झोली में अधिकतम 127 सीटें आईं थी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस बार भाजपा 182 सीटों में से 150 का लक्ष्य रख सकती है, हालांकि भीतरी लोगों का मानना है कि यह लक्ष्य काफी उंचा है। उनके मुताबिक 2019 लोकसभा चुनाव से पहले यह चुनाव ‘‘प्रतिष्ठा का सवाल’’ बना हुआ है। भाजपा प्रवक्ता हषर्द पटेल ने कहा, ‘यह सवाल ही नहीं उठता की हमारी पार्टी का चेहरा कौन होगा। वह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही रहेंगे। यह चुनाव हम मोदी की लोकप्रियता और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के आधार पर लड़ेंगे। हमारी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। 182 विस सीटों में से प्रत्येक पर हमने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं।’ उन्होंने बताया, ‘‘हमने कई समितियों का गठन किया है मसलन चुनावी घोषणा पत्र समिति, उम्मीदवारों के चयन के लिए संसदीय बोर्ड और अनुशासन समिति. इसके अलावा वरिष्ठ नेता कौशिक पटेल को चुनाव की अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है।’’ पटेल ने कहा कि अभी हमारे पास समय है और अब हम जनता जनता से संपर्क बढ़ाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के कामों को हम जनता तक लेकर जाएंगे। हालांकि विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि राज्य के चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर लड़े जा रहे हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा, ‘हो सकता है कि वे चुनाव मोदी के चेहरे पर लड़ना चाहते हों क्योंकि राज्य में उनके पास बड़े कद का कोई नेता नहीं है। लेकिन यह राज्य के चुनाव हैं और इन्हें स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाएगा।’ दोषी ने कहा, ‘इस बार भाजपा सरकार कृषि संकट, शिक्षा, कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को सुलझाने में पूरी तरह नाकाम रही है। इसके अलावा आरक्षण की मांग कर रहे पटेल समुदाय जैसे आंदोलनरत समुदायों द्वारा उठाए गए।मुद्दों का हल भी नहीं खोज पाई है, वही भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे।’

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