गांधीनगर: कांग्रेस और गांधी नेहरु परिवार पर तीखा प्रहार करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि जो पार्टी अंदरुनी लोकतंत्र स्थापित नहीं कर पायी वह भारत के लोकतंत्र को कभी अक्षुण्ण नहीं रख सकती है। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के सत्ता में आने से पहले भारत आर्थिक वृद्धि, कृषि जैसे अहम क्षेत्रों एवं सामाजिक क्षेत्र सूचकांकों में अन्य देशों से पीछे चल रहा था। उन्होंने यहां कर्णावती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित युवा संसद में दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि लेकिन पिछले चार वर्षों में चीजें काफी सुधरी हैं।
शाह ने कांग्रेस का नाम लिये बगैर किा कहा, ‘‘2014 से पहले एक विशेष पार्टी आजादी के बाद ज्यादातर समय सत्ता में रही। लेकिन जिस तरह ये सरकारें चलीं उससे जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा विकास से वंचित रहा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इन लोगों के बीच यह भावना है कि आजादी से उन्हें कोई फायदा नहीं मिला।’’ भाजपा अध्यक्ष ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा, ‘‘इन चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाया।
साढ़े चार करोड़ से अधिक महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन दिया गया जबकि साढ़े सात करोड़ शौचालय बनाये गये।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी के तत्काल बाद जो पार्टी सत्ता में आयी , उसने अपने ही अंदर लोकतंत्र समाप्त कर दिया। वह परिवार केंद्रित बन गयी। जो पार्टी अपनी अंदरुनी लोकतंत्र नहीं अक्षुण्ण रख पायी, वह देश का लोकतंत्र अक्षुण्ण नहीं रख सकती है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम अपने देश में लोकतंत्र अक्षुण्ण रखना चाहते हैं तो हमें राजनीति में अंदरुनी लोकतंत्र स्थापित करनी चाहिए। लेकिन अतीत में ऐसा नहीं हुआ, इसलिए हमारा देश आजादी के बाद वांछित परिणाम हासिल नहीं कर सका।’’
शाह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही अपनी पूरी क्षमता को साकार कर पाया। यह 2017 के प्रारंभ में इसरो द्वारा एक बार में रिकार्ड नंबर में उपग्रह अंतरिक्ष में परिलक्षित हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में इसरो एक बार में एक या दो या अधिकतम 13 उपग्रह भेजा करता था। लेकिन मोदी जी के सत्ता में आने के बाद इसरो ने एक बार में 104 उपग्रह भेजे और भारत अमेरिका से आगे निकल गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उन्हीं वैज्ञानिकों एवं संसाधनों के साथ ऐसा किया जो पहले भी थे।’’
इस साल के प्रारंभ में दावोस में हुए विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन का हवाला देकर उन्होंने कांग्रेस को निशाना बनाया और कहा, ‘‘अतीत में, भारतीय प्रधानमंत्रियों के मंच को संबोधित करने की कोई गुंजाइश नहीं होती थी। लेकिन इस बार, कई वैश्विक नेताओं की मौजूदगी के बावजूद मोदीजी को बैठक का उद्घाटन और हिंदी में भाषण देने करने का विशेषाधिकार मिला।’’ शाह ने कहा कि पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक के मोदी सरकार के फैसले से भारत अमेरिका और इस्राइल जैसे देशों के लीग में शामिल हो गया।