चेन्नई: तमिलनाडु के खेल मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने एक बार फिर से विवादित बयान दिया है। उन्होंने बीजेपी की तुलना एक जहरीले सांप से की है और कहा है कि इसे तमिलनाडु से बाहर भगाने की जरूरत है। हिंदू धर्म और सनातन पर विवादित बयान दे चुके उदयनिधि के इस बयान को लेकर भी बवाल मच सकता है। बीजेपी पहले ही मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए बयान पर हमलावर है।
उदयनिधि कुड्डालोर जिले के नेवेली में डीएमके विधायक सभा राजेंद्रन की पारिवारिक शादी में शामिल होने यहां पहुंचे थे। यहां पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने न सिर्फ बीजेपी पर हमला बोला, बल्कि उसकी सहयोगी एआईएडीएमके पर भी निशाना साधा। उदयनिधि ने एआईएडीएमक की तुलना उस कचरे के टीले से की, जो सांपों को आश्रय देने का काम करता है। उन्होंने कहा कि राज्य से इस कचरे को भी साफ करना होगा। उदयनिधि ने कहा, 'कचरे से निकलकर रेंगते हुए सांप हमारे घर में घुस जाता है। अगर हमें सांप को खत्म करना है, तो हमें सुनिश्चित करना होगा कि कचरा भी नहीं रहे।
उन्होंने कहा, इसलिए लोगों को 2024 में तमिलनाडु से बीजेपी और एआईएडीएमके को हटाने के लिए तैयार रहना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'हमने 2021 के विधानसभा चुनावों में गुलामों की पैकिंग करवाई। अब हमें 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके मालिकों को घर भेजना चाहिए।'
इसी इवेंट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली से राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि डीएमके को आने वाले लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु और पुडुचेरी की सभी 40 सीटों पर जीत हासिल करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि तभी हम नई सरकार में प्रमुख भूमिका निभा पाएंगे।
सनातन धर्म के खिलाफ बोलता रहूंगा: उदयनिधि
सनातन धर्म पर हुए विवाद को लेकर उदयनिधि ने कहा कि वह भविष्य में भी इस मुद्दे पर बोलना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में पिछले 100 सालों में सनातन धर्म के खिलाफ आवाजें उठाई जाती रही हैं। हम अगले 200 साल तक इस पर बोलना जारी रखने वाले हैं। उदयनिधि ने कहा कि सनातन धर्म पर दिया गया उनका बयान नया नहीं है। उनका कहना है कि बीआर आंबेडकर, पेरियार और एम करुणानिधि ने इस मुद्दे पर बोला है।
उदयनिधि का कहना है कि इन लोगों के सनातन धर्म के विरोध की वजह से ही महिलाएं अपने घरों से बाहर निकल पाई हैं। इनकी वजह से ही सती प्रथा जैसी कुरीति खत्म हुई है। उन्होंने कहा कि असल में डीएमके की स्थापना ही उन्हीं सिद्धांतों के आधार पर हुई है, जो ऐसी सामाजिक बुराइयों का विरोध करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया और कुछ ऐसी बातों को फैलाया, जो उन्होंने कही ही नहीं थी।