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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पुलिसकर्मियों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों का उनकी भर्ती के समय से उनकी सेवा के हर स्तर पर अनिवार्य डोप टेस्ट कराने का आदेश दिया। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस बाबत तौर-तरीकों पर काम करने और इस संबंध में जरूरी अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने भर्ती और पदोन्नति के सभी मामलों में शरीर में नशीले पदार्थ की जांच अनिवार्य रूप से किए जाने का आदेश दिया।

उन्होंने सालाना मेडिकल जांच कराने का भी आदेश दिया जो कुछ कर्मचारियों को उनकी सेवाओं की प्रकृति के अनुरूप जरूरी है। बता दें इससे पहले पंजाब में ड्रग्स का कारोबार करने वालों के लिए फांसी की सज़ा की तैयारी की गई है।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर पहली बार मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों के लिए भी मौत की सजा के प्रावधान की सिफारिश की है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) कानून, 1985 में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए केंद्र को औपचारिक सिफारिश भेजने का फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किया गया था।

अमरिंदर सिंह ने अपने पत्र में मौजूदा प्रावधानों को मजबूत बनाने पर जोर दिया ताकि अपराधियों को और कड़ी सजा दी जा सके। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीपीएस कानून मौजूदा स्वरूप में कुछ अपराध दो बार करने पर ही मौत की सजा का प्रावधान रखता है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि कम से कम पहली बार इन अपराधों को अंजाम देने वाला शख्स बचकर निकल सकता है।

चंडीगढ़: पंजाब सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को केंद्र सरकार के दुष्कर्म और आर्थिक अपराधों में भगोड़ों से संबंधित दो अहम अध्यादेशों को राज्य में लागू करने को हरी झंडी दे दी है। अब पंजाब में भी 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा होगी। दुष्कर्म पर कम से कम सजा दस साल होगी। इसके अलावा देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। एक अन्य फैसले में नाराज विधायकों को बोर्ड व कॉरपोरेशन में 'एडजस्ट' करने का रास्ता साफ कर दिया गया है।

पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) एक्ट, 1952 में बदलाव किया है। इस बदलाव से विधायकों के लिए 'लाभ के पद' की नई श्रेणियों को जोड़ दिया गया है। कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में नाराजगी बढ़ गई थी। 78 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी में बड़े स्तर पर विधायक बोर्ड व कॉरपोरेशन में चेयरमैन बनने की लाइन में खड़े हैं। इन संशोधनों के साथ विधायकों को लाभ के पद के कुछ और मामलों में अयोग्य न ठहराए जाने से सुरक्षा मिलेगी, जो मूल एक्ट में शामिल नहीं था। इसके लिए नया सेक्शन-1 ए शामिल किया गया है, जिसमें 'जरूरी भत्ते', 'संवैधानिक संस्था' और 'असंवैधानिक' को परिभाषित किया गया है।

चंड़ीगढ़: आप नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने खालिस्तान के बारे में ट्वीट किया था। उन्होंने पंजाब में ‘खालिस्तान’ बनाए जाने को लेकर साल 2020 में जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए खालिस्तान की मांग का विरोध किया। इससे पहले अमरिंदर केजरीवाल से भी इस बारे में सफाई मांग चुके हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खालिस्तान और जनमत संग्रह की मांग को लेकर कहा, ‘जनमत संग्रह विदेशों के लोगों की धारणा है। सभी लोगों को पता है कि पंजाब में कोई जनमत संग्रह नहीं होने जा रहा हैं। हम पंजाब में शांति चाहते हैं। शांति का मतलब स्थायित्व, शांति का मतलब सब कुछ सामान्य ढ़ंग से चलें

 गौरतलब है कि इससे पहले ट्वीट करते हुए सुखपाल सिंह खैरा ने कहा था, ‘मैं साल 2020 में होने वाले जनमत संग्रह का मतदाता नहीं हूं लेकिन मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि बंटवारे के बाद सिखों के साथ भेदभाव, उत्पीड़न, दरबार साहिब पर हमले और साल 1984 में हुए हत्याकांड की वजह से यह सब कुछ हुआ है।’

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