चंडीगढ़: पंजाब सरकार की कैबिनेट ने बुधवार को केंद्र सरकार के दुष्कर्म और आर्थिक अपराधों में भगोड़ों से संबंधित दो अहम अध्यादेशों को राज्य में लागू करने को हरी झंडी दे दी है। अब पंजाब में भी 12 वर्ष से कम आयु की बच्ची के साथ दुष्कर्म पर मौत की सजा होगी। दुष्कर्म पर कम से कम सजा दस साल होगी। इसके अलावा देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों की जायदाद और संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा। एक अन्य फैसले में नाराज विधायकों को बोर्ड व कॉरपोरेशन में 'एडजस्ट' करने का रास्ता साफ कर दिया गया है।
पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) एक्ट, 1952 में बदलाव किया है। इस बदलाव से विधायकों के लिए 'लाभ के पद' की नई श्रेणियों को जोड़ दिया गया है। कैबिनेट विस्तार के बाद कांग्रेस विधायकों में नाराजगी बढ़ गई थी। 78 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी में बड़े स्तर पर विधायक बोर्ड व कॉरपोरेशन में चेयरमैन बनने की लाइन में खड़े हैं। इन संशोधनों के साथ विधायकों को लाभ के पद के कुछ और मामलों में अयोग्य न ठहराए जाने से सुरक्षा मिलेगी, जो मूल एक्ट में शामिल नहीं था। इसके लिए नया सेक्शन-1 ए शामिल किया गया है, जिसमें 'जरूरी भत्ते', 'संवैधानिक संस्था' और 'असंवैधानिक' को परिभाषित किया गया है।
इस एक्ट की धारा 2 के तहत लाभ के पद की और श्रेणियों को शामिल किया गया है।
वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने की सिफारिश, सब कमेटी गठित:
वहीं भूजल विभाग ने राज्य में पानी को संभालने और इंडस्ट्री को अपनी स्थिति के अनुसार यूनिट लगाने के लिए वाटर रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने का सुझाव दिया है। कैबिनेट में 40 मिनट के लगभग विभाग के डायरेक्टर अरुणजीत सिंह मिगलानी की ओर से दी गई प्रेजेंटेशन के बाद कैबिनेट ने पांच मंत्रियों पर आधारित एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन कर दिया। कमेटी इजरायल मॉडल का अध्ययन करने के लिए इजरायल भी जाएगी।