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नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुद्दे पर राहुल गांधी पर हमला बोले जाने को लेकर आज शिरोमणि अकाली दल पर पलटवार करते हुए कहा कि एक पार्टी के रूप में कांग्रेस इस नरसंहार में कभी शामिल नहीं रही। अमरिंदर ने इस बात पर भी जोर दिया कि 1984 के इस नरसंहार में जो कोई भी शामिल था, उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।

गौरतलब है कि शिरोमणि अकाली दल ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ टिप्पणी की थी। शिरोमणि अकाली दल ने कहा था कि नरसंहार में अपनी पार्टी के संलिप्त रहने के विचार से राहुल ने असहमति जता कर सिख समुदाय के जख्मों पर नमक छिड़का है। इससे पहले, राहुल ने 1984 के दंगों को बहुत दुखद घटना करार देते हुए कहा था यह एक त्रासदी थी, यह बहुत दुखद अनुभव है। आप कह सकते हैं कि कांग्रेस पार्टी इसमें शामिल थी, मैं इससे सहमत नहीं हूं। राहुल दो दिनों की ब्रिटेन की यात्रा पर हैं।

चंड़ीगढ: पंजाब मंत्रिमंडल ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने और बेअदबी जैसी बड़ी घटनाओं को रोकने के लिये अपराध प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि धार्मिक पुस्तकों की बेअदबी करने वालों को उम्रकैद की सजा दिये जाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। इस आशय का फैसला आज यहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई और उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा गया।

बैठक में सात बिलों को भी मंजूरी दी गई जिन्हें 24 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में रखा जायेगा। बैठक में आई.पी.सी. में धारा 295-ए.ए. शामिल करने की मंजूरी दे दी है जिसके अंतर्गत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से गुरु ग्रंथ साहिब, श्रीमद् भगवद गीता, कुरान और बाइबल को नुकसान या बेअदबी करने वाले को उम्रकैद की सजा होगी।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथग्रहण समारोह कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के आर्मीचीफ को गले लगाकर बुरी तरह विवादों में फंसे पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को कहा कि वह एक ‘भावुक पल’ था। सिद्धू ने साफ किया कि उनका दौरा कोई राजनीति से प्रेरित नहीं था। गौरतलब है कि इमरान के शपथ ग्रहण से पहले उस कार्यक्रम के दौरान वहां के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से वह गले लगते हुए नजर आए थे।

सिद्धू ने कहा- “पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने कहा कि वे करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोने का प्रयास कर रहे थे, जो एक भावुक पल था।” इससे पहले, रविवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह सिद्धू के इस कदम के पक्ष में नहीं है। उन्होंने यह भी साफ किया कि सिद्धू का इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के फैसले से उनकी सरकार को कोई संबंध नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि क्रिकेट से राजनीति में आए सिद्धू अपनी क्षमता पर पाकिस्तान गए हैं।

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देश के सैन्य प्रमुख को गले लगाने के लिए अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी नवजोत सिंह सिद्धू पर रविवार को निशाना साधते हुए उनके कृत्य को 'गलत' बताया। सिद्धू के शनिवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने के बारे में पूछे जाने पर अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से कहा, 'मुझे लगता है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख के लिए उन्होंने जो स्नेह दिखाया वह उनके लिए गलत था।'

सिद्धू रविवार पाकिस्तान से लौटे। वह क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान के न्यौते पर शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए अकेले भारतीय थे। एक अन्य सवाल पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू व्यक्तिगत तौर पर पाकिस्तान गए थे। इमरान खान के न्यौते पर शनिवार को इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद विशेष अतिथियों में सिद्धू भी शामिल थे।

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