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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को 1975 में लगाए गए आपातकाल के 34 साल पूरे होने के मौके पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश पिछले पांच सालों से ‘सुपर इमरजेंसी' से गुजर रहा है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में आज ही के दिन आपातकाल लगाया था जो 21 मार्च 1977 तक प्रभावी रहा था। ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘आज 1975 में घोषित आपातकाल की वर्षगांठ है। पिछले पांच साल से देश ‘सुपर इमरजेंसी' से गुजर रहा है। हमें अपने इतिहास से सबक सीखना चाहिए और देश में लोकतांत्रिक ढांचों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करना चाहिए।'

ममता के इस ट्वीट पर बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि क्या ममता को किसी ने रोका है? वह हर जगह मोदी जी के खिलाफ बोल रही हैं? गाली दी। लेकिन कोई केस तक नहीं हुआ। बंगाल में हम रास्ते में उतरते है तो हम पर लाठियां बरसाई जाती हैं। कोई कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं हैं। बंगाल में हिंसा कोई नई बात नहीं है। जब बदलाव होता है तो सरकार डर कर हिंसा का सहारा लेती है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रतिनिधिमंडल के जाने के बाद भाटपाड़ा में फिर से झड़पें हुई हैं। साथ ही बम भी फेंके गए। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एस एस अहलूवालिया के नेतृत्व में भाजपा का एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को हिंसा प्रभावित भाटपारा पहुंचा जहां दो समूहों के बीच संघर्ष में दो लोगों की जान चली गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए थे। माना जा रहा है कि संघर्षरत समूह तृणमूल कांग्रेस और भगवा दल से संबंधित थे।   

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बंगाल से आने वाले सांसद अहलूवालिया के नेतृत्व वाले दल से उत्तरी 24 परगना के भाटपारा का दौरा करने को कहा था। उनके साथ सांसद सत्यपाल सिंह और बीडी राम थे। इसके अलावा राज्य के कुछ और नेता भी उनके साथ थे। सिंह और राम पूर्व पुलिस अधिकारी हैं और क्रमश: उत्तर प्रदेश और झारखंड से सांसद हैं। उनके साथ बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह भी थे। यह प्रतिनिधिमंडल मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेगा और स्थानीय लोगों से भी बातचीत करेगा।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के भाटपाड़ा में तनावपूर्ण स्थिति बनी है। धारा 144 लागू होने के बावजूद शुक्रवार को दो बाइक सवारों ने देसी बम फोड़कर तनाव और बढ़ा दिया। हिंसा के चलते भाटपाड़ा और काकिनाड़ा में कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं। एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और भारी तादाद में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया है। हिंसा के विरोध में भाजपा ने जुलूस निकाला और दोनों मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता देने का एलान किया है।

सत्तारूढ़ टीएमसी और भाजपा से संबद्ध दो गुटों के बीच बृहस्पतिवार को हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी और 11 घायल हो गए थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा के मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को भी भाटपाड़ा और काकिनाड़ा में सन्नाटा छाया रहा। दुकानें, बाजार और दफ्तर बंद रहे। भाजपा ने राज्य प्रशासन पर टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है।

भाटपारा: पश्चिम बंगाल के भाटपारा में दो अज्ञात उपद्रवियों के समूह के बीच हिंसक झड़प हुई। जिसमें देसी बम फेंका गया और गोलियां चलाई गईं। झड़प में एक शख्स की मौत हो गई है जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हैं। यह घटना उत्तरी 24 परगना के भाटपारा में घटित हुई। पुलिस का कहना है कि मृतक की पहचान रामबाबू शॉ के तौर पर हुई है। हालांकि घायलों की फिलहाल पहचान नहीं होनी बाकी है।

रिपोर्ट्स के अनुसार नए बने पुलिस स्टेशन के पास दो गुटों के बीच देसी बम फेंके गए और एक सदस्य ने हवा में गोलियां चलाईं। इस पुलिस स्टेशन का उद्घाटन गुरुवार को होना है। रैपिड एक्शन फोर्स के साथ पुलिस अधिकारियों की एक टीम को क्षेत्र में तैनात किया गया है। घटना के बाद फैली अशांति के कारण दुकानों, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने अपनी दुकान के शटर गिरा दिए हैं।

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