नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमा पर आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही और माल यातायात की अनुमति न देने को लेकर नाराजगी जताई है। केंद्र का कहना है कि इसकी वजह से जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बांग्लादेश में नहीं हो पा रही है और बांग्लादेश से आने वाले ट्रक भी सीमा पर फंसे हुए हैं। गृहसचिव अजय भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तुरंत केंद्र के निर्देश का अनुपालन करने और रिपोर्ट देने को कहा है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार पहले भी लॉकडाउन निर्देश का पालन न करने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठा चुकी है। बंगाल गई केंद्रीय टीम ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पारदर्शिता नहीं बरतने का भी आरोप लगाया था। गृह मंत्रालय के पत्र के मुताबिक 24 अप्रैल को इंडो-नेपाल, इंडो-भूटान और इंडो-बांग्लादेश सीमाओं के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं के क्रॉस लैंड बॉर्डर परिवहन को अनुमति देने के निर्देश दिए गए थे। गृह मंत्रालय को इस संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट भेजने को कहा गया था, लेकिन पश्चिम बंगाल ने अनुपालन रिपोर्ट नहीं भेजी।
राज्य ने नहीं भेजी रिपोर्ट
गृह सचिव ने पत्र में लिखा है कि इस संबंध में मैं यह कहने के लिए विवश हूं कि हमें पश्चिम बंगाल राज्य सरकार से अनुपालन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। इसके अलावा, यह बताया गया है कि भारत और बांग्लादेश के बीच पश्चिम बंगाल राज्य में पड़ने वाली सीमा पार से माल यातायात अभी भी शुरू नहीं हुआ है। परिणामस्वरूप, बांग्लादेश के लिए आवश्यक आपूर्ति के लिए बड़ी संख्या में ट्रक विभिन्न सीमा पार बिंदुओं पर फंसे हुए हैं। बांग्लादेश से लौटते समय ऐसे वाहनों के कई चालकों को भी सीमा पार करने की अनुमति नहीं दी गई है और वे बांग्लादेश में फंसे हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय संधि का होगा उल्लंघन
गृह सचिव ने कहा है कि आवश्यक सामानों की आवाजाही बांग्लादेश जाने से रोकना अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन होगा। इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जंग के लिए जारी किये गए केंद्र सरकार के एनडीएमए एक्ट का भी उल्लंघन माना जाएगा। इसलिए बांग्लादेश बॉर्डर को जरूरी सामानों की आवाजाही के लिए तुरंत खोल दिया जाए।