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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा से कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के लिए 14-सदस्यीय बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स नियुक्त करने की अधिसूचना जारी करने के संबंध में बात की। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के बारे में बुधवार को जारी अधिसूचना अभी तक उपलब्ध नहीं है। इसे बिना किसी देरी के राजभवन भेजा जाना चाहिए था। यह अधिसूचना मीडिया में है।

राज्यपाल ने कहा कि मुख्य सचिव को तत्काल निर्णय लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहा गया है। इसके अलावा नगर निगम प्रशासन नियुक्त करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही उन लोगों के बारे में पूछा गया है जिन्होंने यह फैसला लिया है। अपने एक ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा, “संविधान में प्रदत्त प्रावधानों की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसी भी कीमत पर संविधान की अवहेलना ना हो। मेरे नाम से ऑर्डर जारी हुआ है और मुझे पता तक नहीं है। आखिर हम कहां जा रहे हैं?

यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार के निर्देशों की अवहेलना हो रही है। राज्य सरकार को लोगों के हित में कानून के अनुसार काम करने की जरूरत है।

कोलकाता नगर निगम के बोर्ड की अवधि आज यानी सात मई को खत्म हो जाएगी। कल यानी शुक्रवार,आठ मई से निगम में प्रशासक के तौर पर वर्तमान मेयर फिरहाद हकीम को ही नियुक्त कर दिया गया है। जबकि नगर निगम के एमआईसी सदस्यों को ही बोर्ड के सदस्य के तौर पर भी मनोनीत कर दिया गया है।

नियमानुसार किसी भी निगम के बोर्ड की मियाद खत्म होने पर उसमें प्रशासक के तौर पर अधिकारियों की नियुक्ति होती है, ना कि जनप्रतिनिधि की। विपक्ष का कहना है कि किसी भी तरह से तृणमूल कांग्रेस सत्ता पर बने रहने के लिए ही अवैध तरीके से फिरहाद हकीम को प्रशासक नियुक्त किया है। भाजपा ने कोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है। अब राज्यपाल ने भी इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही इसकी संवैधानिक पहलुओं पर भी रिपोर्ट तलब की है।

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