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कोलकाता: पश्चिम बंगाल विभानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुवेंदु अधिकारी के इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। बता दें कि अधिकारी ने हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले उन्होंने राज्य के परिवहन मंत्री का पद भी छोड़ दिया था। बिमान बनर्जी ने इस संबंध में कहा, 'मैंने पत्र (सुवेंदु अधिकारी का इस्तीफा) को देखा और पाया कि उस पर तारीख स्पष्ट नहीं थी। मुझे यह जानकारी नहीं दी गई थी कि उनका इस्तीफा सही और स्वतंत्र है। इसलिए इसे स्वीकार कर पाना संभव नहीं है। मैंने उनसे 21 दिसंबर को मेरे सामने पेश होने के लिए कहा है।'  

कई मुद्दों पर पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे अधिकारी ने बीते बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। तृणमूल ने उनके इस्तीफे को पार्टी के साथ धोखेबाजी करार देते हुए कहा था कि जिन्हें मालूम है कि टिकट नहीं मिलेगा वह पार्टी छोड़ रहे हैं।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ममता बनर्जी जोर-शोर से तैयारियां कर रही हैं लेकिन उससे पहले ही ममता को एक के बाद एक कई बुरी खबरें मिल रही हैं। शुक्रवार को भी ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को तीन झटके लगे। पहले तो पार्टी के दो नेताओं ने इस्तीफा दिया और फिर भाजपा नेताओं पर पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस को  कार्रवाई से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। 

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने  पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर यह नोटिस जारी किया कि अगले आदेश तक पश्चिम बंगाल पुलिस उनपर कोई एक्शन नहीं ले सकती। सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेताओं के खिलाफ पश्चिम बंगाल में दायर आपराधिक मामलों को लेकर अगली सुनवाई तक किसी भी कार्रवाई पर रोक लगा दी है। यानी जब तक अगली सुनवाई नहीं होगी तब तक ममता के राज्य की पुलिस भाजपा नेताओं पर कार्रवाई नहीं कर सकती।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब किए जाने पर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार में रार बरकरार है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए ) ने दोबारा समन भेजकर दोनों टॉप अफसरों को आज शाम 5.30 बजे की मीटिंग में शामिल होने को बुलाया है। इसके जवाब में ममता बनर्जी ने कहा है कि कोरोना संकट की वजह से एक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग मीटिंग बुलाई गई है, जिसमें उनकी उपस्थिति अनिवार्य है और उन्हें नहीं भेजा जा सकता है। हालांकि, इस पर एमएचए की तरफ से कोई जवाब अभी तक नहीं आया है।

केंद्रीय गृह सचिव ने दोनों अफसरों को गुरुवार (17 दिसंबर) को तब ये दोबारा समन भेजा, जब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ताबड़तोड़ ट्वीट कर केंद्र सरकार पर संघीय ढांचा को तोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव से पहले केंद्र की भाजपा सरकार राज्य में घुसपैठ कर सरकार पर कंट्रोल करना चाहती है। पिछले हफ्ते भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमला किए जाने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य के दोनों टॉप अफसरों को दिल्ली तलब किया था, लेकिन ममता सरकार ने उन्हें भेजने से इंकार कर दिया था।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। एक-एक कर पार्टी के कई दिग्गज नेता तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ते जा रहे हैं। शुभेंदु अधिकारी, दीप्तांगशु चौधरी, जितेंद्र तिवारी के बाद अब बैरकपुर से टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता ने भी इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले गुरुवार को केंद्र द्वारा जारी फंड का सही इस्तेमाल न होने से नाराज आसनसोल के विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने टीएमसी के पश्चिम बर्द्धमान जिला अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया था। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता सौगत रॉय ने इसपर कहा, 'कुछ साल पहले तक जितेंद्र तिवारी कौन थे? वह आज जो भी हैं पार्टी की वजह से हैं। अगर वह अब पार्टी छोड़ रहे हैं तो एक 'गद्दार' और मौसम के हिसाब से रुख बदलने वाले से ज्यादा कुछ नहीं हैं।

बुधवार को विधायक पद छोड़ने वाले प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी की सदस्यता भी छोड़ दी है। अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दी।

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